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फिंगरप्रिंट पहचानेगा होलस्टर तब निकलेगी रिवाल्वर, नंबर कोड से भी खोलने की व्यवस्था

कब-कब कितने फायर हुए, इसका डाटा भी बताएगा, फील्डगन फैक्ट्री, निजी कंपनी में करार

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 01:41 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 10:48 AM (IST)
फिंगरप्रिंट पहचानेगा होलस्टर तब निकलेगी रिवाल्वर, नंबर कोड से भी खोलने की व्यवस्था
फिंगरप्रिंट पहचानेगा होलस्टर तब निकलेगी रिवाल्वर, नंबर कोड से भी खोलने की व्यवस्था

जागरण संवाददाता, कानपुर : रिवाल्वर चोरी होने या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा फायर करने का डर अक्सर शस्त्र लाइसेंस धारकों को लगा रहता है लेकिन अब इससे बेफिक्र हो जाएं। अत्याधुनिक होलस्टर न केवल आपकी रिवाल्वर सुरक्षित रखेगा बल्कि आपके फिंगरप्रिंट की पहचान के बाद ही रिवाल्वर बाहर आएगी। फील्डगन फैक्ट्री और एक निजी कंपनी के बीच हुए करार के बाद ऐसा होलस्टर बनाया गया है जो फिलहाल परीक्षण के दौर में है।

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फील्डगन फैक्ट्री ने निजी कंपनी श्री हंस एनर्जी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया है। कंपनी के कर्मचारी दो सगे भाइयों सौरभ और गौरव पिलानिया ने एफएलए फिलामेंट से एक होलस्टर तैयार किया है। माइक्रो मैकेनिज्म से युक्त यह होलस्टर सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। होलस्टर में लाइसेंस धारक या फिर परिवार के एक या दो लोगों के फिंगरप्रिंट कोड के रूप में दिए जा सकेंगे। एक बार रिवाल्वर होलस्टर में गई तो फिर उन्हीं लोगों के फिंगरपि्रंट से बाहर निकलेगी जिनके फिंगरप्रिंट फीड होंगे। फिंगर पि्रंट के साथ इसमे नंबरों के कोड की व्यवस्था भी होगी। कितने और कब-कब फायर हुए, मेनटेनेंस का वक्त भी यह बताएगा। फील्डगन फैक्ट्री के महाप्रबंधक शैलेंद्र नाथ ने बताया इसे 'कवच' नाम से रजिस्टर्ड कराया गया है। यह विश्व में अपनी तरह का पहला होलस्टर होगा। इसकी कीमत अभी तय नहीं है लेकिन जल्द ही लांचिंग के साथ कीमत तय कर दी जाएगी जो उपभोक्ताओं की पहुंच में होगी। रिवाल्वर के साथ उपभोक्ताओं को यह होलस्टर भी दिया जाएगा।

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50 पीस बनने के बाद मिला अंतिम रूप

होलस्टर बनाने वाले सौरभ और गौरव ने बताया कि अब तक 50 पीस बनाए गए और हर बार नया डेवलपमेंट हुआ। अभी भी परीक्षण चल रहा है। होलस्टर में लीथियम बैट्री के साथ रीचार्ज सिस्टम है। एक बार रीचार्ज में छह हजार क्लिक किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि पिस्टल के लिए अमेरिका, इजरायल जैसे देशों में ऐसे होलस्टर बनाए गए हैं लेकिन रिवाल्वर में लिए विश्व में पहला निर्माण भारत के कानपुर में किया जा रहा है।


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