पत्नी से आय और संपत्ति छिपाने वाले पति हो जाएं सावधान, महिलाएं ले रहीं इस युक्ति का सहारा
Financial Rights Of Women महिलाओं का तर्क यह भी रहता है कि वे पत्नी हैं इसलिए जानकारी पाना उनका हक है। सूत्र बताते हैं कानपुर समेत देश भर में आयकर विभाग के कार्यालयों में प्रतिमाह ऐसे ही आवेदन पहुंच रहे हैं।
कानपुर, [राजीव सक्सेना]। Financial Rights Of Women पत्नी से अपनी आय व संपत्ति छिपाने वाले सावधान हो जाएं, क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं अपने पतियों की सही आय और संपत्तियों की जानकारी के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत आयकर विभाग से ब्योरा मांग रहीं हैं। उन्हें लग रहा है कि पति की सही आय व संपत्ति की जानकारी वहां से मिल सकती है। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसी आरटीआइ की संख्या लगातार बढ़ रही है।
महिलाओं का मानना है कि पति ने आयकर रिटर्न में पूरी आय और संपत्तियों की जानकारी तो दी ही होगी। उनकी इस सोच के पीछे कहीं न कहीं कुछ अधिवक्ता भी हैं। हालांकि, महिलाओं का तर्क यह भी रहता है कि वे पत्नी हैं, इसलिए जानकारी पाना उनका हक है। सूत्र बताते हैं, कानपुर समेत देश भर में आयकर विभाग के कार्यालयों में प्रतिमाह ऐसे ही आवेदन पहुंच रहे हैं।
केस-वन: किदवईनगर निवासी एक महिला का पति से तलाक का मुकदमा चल रहा था। उसने गुजारा-भत्ता के लिए अदालत से गुहार लगाई तो पति ने धनाभाव का तर्क दिया। महिला ने आयकर विभाग से उनकी संपत्ति का ब्योरा मांगा। हालांकि, नियमों में बंधे विभाग ने इससे इन्कार कर दिया।
केस-दो: कल्याणपुर की एक महिला को शक था कि पति के किसी दूसरी महिला से संबंध हैं। वह छिपाकर संपत्ति उसे दे रहे हैं। महिला ने आयकर विभाग से आरटीआइ के तहत पति की वास्तविक संपत्ति जानने की कोशिश की।
ससुर की संपत्ति को लेकर शिकायत कर रहे दामाद: दहेज उत्पीडऩ के मामलों में युवती के पिता अक्सर दहेज में बहुत सारे उपहार देने की बात कहकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। ऐसे विवाद में इसी रिपोर्ट की कॉपी लगाकर दामाद आयकर विभाग से जांच की मांग रखते हैं। ऐसे मामलों में अक्सर ससुराल पक्ष फंस जाता है, क्योंकि रिपोर्ट में बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर बात कही जाती है, लेकिन लोग रिटर्न में उतनी संपत्ति नहीं दिखाते हैं। आयकर अधिकारी बयान लेते हैं तो वह अपनी बात से मुकरते हैं। ऐसे में थाने में लिखाई गई रिपोर्ट झूठी होने से दामाद बच जाते हैं। अगर आय स्वीकारते हैं तो आयकर के रिटर्न में अपनी सही आय घोषित न करने में फंसते हैं। ऐसे कुछ मामलों में फिलहाल जांच भी चल रही है।
आयकर विभाग इसलिए नहीं देता जानकारी: आयकर अफसर कहते हैं, सुप्रीम कोर्ट का साफ निर्देश है कि किसी व्यक्ति के रिटर्न की जानकारी दूसरे से शेयर नहीं की जा सकती। इसलिए पत्नियों को भी यह जानकारी नहीं दी जा सकती है।
इनका ये है कहना
अक्सर महिलाएं पतियों की आय व संपत्ति जानने और दामाद ससुर की आय जानने के लिए आरटीआइ को लेकर सलाह लेने आते हैं। उन्हें जानकारी नहीं मिलने की बात बताई जाती है पर फिर भी वो आरटीआइ दाखिल करते हैं। - कैलाश शुक्ला, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता।
खास तथ्य
- 10-12 आवेदन प्रतिमाह आते हैं पतियों की संपत्ति व आय जानने के लिए
- 12-14 आरटीआइ प्रतिमाह लगाते हैं दहेज प्रताडऩा के मामलों में फंसे दामाद
- 225 करीब आरटीआइ एक साल में आ चुकी हैं दोनों तरह के मामलों की