जागरण संवाददाता, कानपुर : फर्जी दस्तावेजों की मदद से भूमाफिया ने पूर्व सांसद नरेश चंद्र चतुर्वेदी के बेटे के करोड़ों की कीमत वाले प्लाट पर कब्जा कर लिया। भूमाफिया ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से प्लाट का मालिकाना हक भी बदल दिया। सोमवार को पूर्व सांसद के पुत्र अरविंद चतुर्वेदी पुलिस आयुक्त से मिले और जांच की मांग की। पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने जांच के आदेश दिए हैं। अगर आरोप सही पाए गए तो मुकदमा भी दर्ज होगा।
पूर्व सांसद के बेटे ने बताया कि उनके परिवार ने टीचर हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड रामपुरम के तत्कालीन सचिव से वर्ष 1988 में 2000 वर्गगज के चार प्लाट 999 वर्ष की लीज डीड पर खरीदे थे। भूखंड स्वामियों को आवास समिति द्वारा कब्जा व दखल 1990 में मिल गया। प्लाट में बाउंड्री व एक कमरा भी बना है। नगर निगम द्वारा असेसमेंट भी उनकी ओर से जमा किया जा रहा है।
आरोप है कि वर्ष 2002 में पूर्व सचिव ने आराजी संख्या बदल दी। आठ मार्च 2002 को उपरोक्त भूखंड का बैनामा पूर्व सचिव ने अपने बेटे के नाम झूठे दस्तावेजों के सहारे नोटरी के जरिये कर दिया। फ्रीहोल्ड चार्ज भी जाम करने लगे। वर्ष 2010 में उनका फर्जी पता लिखकर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर सिविल कोर्ट में मुकदमा स्थापित कर एकपक्षीय डिग्री भी बनवा ली। बाद में झूठे दस्तावेजों के आधार पर उनके प्लाट पर आरोपित पक्ष ने कब्जा कर लिया। पता चलने पर उन्होंने 30 दिसंबर 2022 को शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि पुलिस ने खड़े होकर प्लाट पर कब्जा करवाया।