डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षाकर्मी के पिता देंगे एसआइटी के सामने गवाही, जानिए क्या है पूरा मामला
1984 सिख विरोधी दंगा मामले में पेशी के लिए आई कॉल।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 11:50 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 11:50 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप की विशेष सुरक्षा में तैनात दबौली के अंशदीप सिंह भाटिया के पिता देवेंद्र सिंह भी एसआइटी के सामने गवाही देंगे। वे यह बताएंगे कि 1984 में किस तरह हिंसा में शामिल लोगों ने उन्हें तीन गोलियां मारी और उनके छोटे भाई की हत्या की।
उन्होंने गुरुद्वारा भाई बन्नो साहिब के वाइस चेयरमैन सरदार मोहकम सिंह ने बताया कि अंशदीप सिंह भाटिया राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा में तैनात हैं। उनके दादा अमरीक सिंह गोविंद नगर के पंजाब एंड सिंध बैंक में प्रबंधक थे । 1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो उनका परिवार भी हिंसा का शिकार हो गया। । अमरीक सिंह के छोटे बेटे की हत्या कर दी गई और देवेंद्र सिंह को तीन गोलियां लगी लेकिन वे बच गए। अमरीक सिंह अपने बड़े बेटे देंवेंद्र सिंह को लेकर परिवार के साथ लुधियाना शिफ्ट हो गए।
वर्ष 2000 में देवेंद्र सिंह न्यूयार्क चले गए। देवेंद्र की लुधियाना में शादी हुई और वहीं अंशदीप का जन्म हुआ । उन्होंने बताया कि 2017 में मुआवजा के लिए वे कानपुर आए थे । अब उन्होंने एसआइटी के समक्ष गवाही देने का निर्णय लिया है और फोन से उनसे संपर्क किया है। अंशदीप के पिता ने कहा कि वे पूरे मामले में न्याय चाहते हैं इसलिए गवाही देंगे। इस घटना में उनके छोटे भाई की हत्या हुई थी दोषियों को सजा मिलना जरूरी है। देंवेंद्र सिंह स्वयं गवाही देंगे या फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एसआइटी को बयान दर्ज कराएंगे इसका निर्णय जल्द लिया जाएगा।
उन्होंने गुरुद्वारा भाई बन्नो साहिब के वाइस चेयरमैन सरदार मोहकम सिंह ने बताया कि अंशदीप सिंह भाटिया राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा में तैनात हैं। उनके दादा अमरीक सिंह गोविंद नगर के पंजाब एंड सिंध बैंक में प्रबंधक थे । 1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो उनका परिवार भी हिंसा का शिकार हो गया। । अमरीक सिंह के छोटे बेटे की हत्या कर दी गई और देवेंद्र सिंह को तीन गोलियां लगी लेकिन वे बच गए। अमरीक सिंह अपने बड़े बेटे देंवेंद्र सिंह को लेकर परिवार के साथ लुधियाना शिफ्ट हो गए।
वर्ष 2000 में देवेंद्र सिंह न्यूयार्क चले गए। देवेंद्र की लुधियाना में शादी हुई और वहीं अंशदीप का जन्म हुआ । उन्होंने बताया कि 2017 में मुआवजा के लिए वे कानपुर आए थे । अब उन्होंने एसआइटी के समक्ष गवाही देने का निर्णय लिया है और फोन से उनसे संपर्क किया है। अंशदीप के पिता ने कहा कि वे पूरे मामले में न्याय चाहते हैं इसलिए गवाही देंगे। इस घटना में उनके छोटे भाई की हत्या हुई थी दोषियों को सजा मिलना जरूरी है। देंवेंद्र सिंह स्वयं गवाही देंगे या फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एसआइटी को बयान दर्ज कराएंगे इसका निर्णय जल्द लिया जाएगा।
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