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अभी तो ठीक से आंखें भी नहीं खोल पाई थी, बेरहम पिता ने जिंदा ही नहर में फेंक दिया

गोविंद नगर के संजय नगर में बेटी पैदा होने से नाराज पिता ने घटना को दिया अंजाम। ससुर की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को सेंट्रल स्टेशन से आरोपित को गिरफ्तार किया।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 04:11 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 12:14 PM (IST)
अभी तो ठीक से आंखें भी नहीं खोल पाई थी, बेरहम पिता ने जिंदा ही नहर में फेंक दिया
अभी तो ठीक से आंखें भी नहीं खोल पाई थी, बेरहम पिता ने जिंदा ही नहर में फेंक दिया

कानपुर (जागरण संवाददाता)। बेहद दर्दनाक, जिसने भी सुना और देखा उसकी आंखें ही नहीं दिल भी रो पड़ा। वह पिता कितना बेरहम और बेदर्द होगा, जिसने उस नवजात बेटी को जिंदा ही नहर में फेंक दिया। जन्म के बाद अभी तो उस मासूम की आंखें भी ठीक से नहीं खुल सकी थीं कि अपनी मां और दुनिया को देख पाती, इससे पहले ही उसे मौत की नींद सुला दिया गया। यह घटना है शहर में गोविंद नगर के संजय नगर की, जहां एक पिता ने मासूम की सांसें छीन ली। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है और नहर से नवजात का शव बरामद किया है।

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शनिवार रात जन्मी थी बच्ची

मूलरूप से मीठावी एरिया जकनपुर पटना बिहार निवासी संदीप की शादी बीते फरवरी माह में कुर्मीचक भोजपुर बिहार निवासी रामदुलार राम की बेटी नेहा से हुई थी। संदीप पत्नी और ससुर राम दुलार राम के साथ गोविंद नगर में संजय नगर स्थित देशराज यादव के मकान में किराए पर रहता था। वह दादा नगर की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करता था। शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन गर्भवती नेहा को नर्सिंग होम ले गए तो उसे भर्ती नहीं किया गया। घर वापस लाने पर रात करीब पौने दो बजे नेहा ने बच्ची को जन्म दिया।

बेटी के जन्म से खुश नहीं था संदीप

नेहा के पिता राम दुलार राम ने बताया बेटी के जन्म के बाद संदीप खुश नहीं था। बहाने से बच्ची को गोद लिया और अचानक भाग निकला। परिजनों के पीछा करने पर संदीप बच्ची को सीटीआई चौराहे के पास नहर में फेंक कर भाग गया। देर रात परिजनों की सूचना पर पुलिस ने संदीप को सेंट्रल स्टेशन से गिरफ्तार किया है।

चार घंटे बाद नहर में मिला शव

संदीप ने नवजात को जैसे ही नहर में फेंका तो परिजन स्तब्ध रह गए। परिजनों ने तुरंत नहर में बच्ची की तलाश शुरू की। सूचना पर पुलिस भी नहर पर पहुंच गई। पुलिस ने मोहल्ले के कई युवकों को नहर में उतारा। करीब चार घंटे तलाश करने के बाद युवकों ने बच्ची के शव को बाहर निकाला। बच्ची का शव और मासूम चेहरा देखते ही नहर किनारे खड़े हर शख्स की आंखें ही नहीं दिल भी रो पड़ा। लोग उस बेरहम पिता को कड़ी सजा मिलने की बात कहकर अपना आक्रोश बयां करते रहे।

आठ माह में बच्चा नहीं होता

नेहा के मुताबिक पति उसके गर्भवती होने के बाद अक्सर शक करता था। आठ माह में प्रसव होने से पति संदीप का कहना था कि यह बच्चा उसका नहीं है। आठ माह में कोई बच्चा नहीं होता है। गोविंद नगर इंस्पेक्टर संजीवकांत मिश्र ने बताया कि नेहा के पिता की तहरीर पर नवजात की हत्या और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित संदीप को गिरफ्तार किया गया है।


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