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फर्रुखाबाद कोर्ट परिसर में फैला कोरोना, अधिकारियों समेत कई कर्मचारी संक्रमित, रोस्टर लागू

फर्रुखाबाद न्यायालय परिसर में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। परिसर के कई अधिकारियों और कर्मचारिेयों के कोरोना संक्रमित होने के बाद 50 फीसदी कर्मचारियों को न्यायालय आने का रोस्टर जारी किया गया है। वादकारियों के न्यायालय परिसर में प्रवेश में पूरी तरह रोक लगा दी गई।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 05:11 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 05:11 PM (IST)
फर्रुखाबाद कोर्ट परिसर में फैला कोरोना, अधिकारियों समेत कई कर्मचारी संक्रमित, रोस्टर लागू
प्रवेश पर पूरी तरह रोक से वादकारी रहे परेशान।

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। न्यायालय परिसर में कोरोना संक्रमण प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। विगत तीन दिन में न्यायिक अधिकारियों सहित दो दर्जन से अधिक कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण पर रोक लगाने के लिए जनपद न्यायाधीश शिवशंकर प्रसाद ने सोमवार सुबह न्यायालय के मुख्य द्वार पर पहुंचकर वहां तैनात कर्मचारियों को दिशानिर्देश दिए। वादकारियों के न्यायालय परिसर में प्रवेश में पूरी तरह रोक लगा दी गई। इससे न्यायालय परिसर गेट के बाहर बड़ी संख्या में लोग शारीरिक दूरी का नियम तोड़कर खड़े रहे। 

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जनपद न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रविवार शाम को ही गाइडलाइन जारी कर दी थी। जिसमें रोस्टर के न्यायालयों को खोलने के साथ ही 50 फीसद कर्मचारियों को आने का आदेश दिया था। सोमवार सुबह बड़ी संख्या में वादकारी व अधिवक्ता न्यायालय गेट पर पहुंच गए। प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस कर्मियों व न्यायिक कर्मचारियों ने थर्मल स्कैङ्क्षनग के बाद कुछ अधिवक्ताओं को ही अंदर जाने दिया, शेष सभी वादकारी व अधिवक्ता प्रवेश नहीं पा सके। इस पर कुछ अधिवक्ताओं ने नाराजगी भी जताई। जिला जज ने जारी की गई गाइड लाइन में कहा कि विशेष मामलों में अनुमति के बाद ही वर्चुअल सुनवाई की जाएगी। इसके लिए अधिवक्ताओं को पहले से अनुमति पत्र जारी होगा। यह पत्र दिखाने के बाद ही उन्हें न्यायालय में प्रवेश कराया जाएगा। इसके अलावा संबंधित वादकारी भी आवश्यकता पडऩे पर ही न्यायालय में सुनवाई के समय बुलाए जा सकते हैं। रोस्टर के अनुसार खुलने वाले न्यायालयों के अलावा अन्य न्यायालयों के सभी मुकदमों में सामान्य तिथि दिए जाने का आदेश दिया गया हैै। न्यायालय खुलने से पूर्व परिसर व भवनों में सैनिटाइजेशन अनिवार्य किया गया है। केंद्रीय नाजिर व कोर्ट मैनेजर व्यवस्था कराने में सहयोग करेंगे।

मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध न कराने पर सीएमओ को तीसरी बार भेजा पत्र

उच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्य चिकित्साधिकारी को न्यायालय में पर्याप्त मात्रा में मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध कराने थे, लेकिन अभी तक न तो मास्क पहुंचाए और न ही सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया। इस पर जनपद न्यायाधीश ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध कराने को पत्र भेजा है। इससे पूर्व भी दो बार पत्र भेजे जा चुके हैं।


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