Move to Jagran APP

फर्रुखाबाद प्रकरण : बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे की बेटी को यूपी पुलिस ने लिया गोद

फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद के करथिया गांव में 24 बच्चों को बंधक बनाने और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सिरफिरे सुभाष बाथम की बेटी की जिम्मेदारी अब फर्रुखाबाद पुलिस के कंधों पर है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:22 AM (IST)
फर्रुखाबाद प्रकरण : बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे की बेटी को यूपी पुलिस ने लिया गोद
फर्रुखाबाद प्रकरण : बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे की बेटी को यूपी पुलिस ने लिया गोद

कानपुर, जेएनएन। फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद के करथिया गांव में 24 बच्चों को बंधक बनाने और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सिरफिरे सुभाष बाथम की बेटी की जिम्मेदारी अब फर्रुखाबाद पुलिस के कंधों पर है। सुभाष के बाद भीड़ की पिटाई से पत्नी रूबी की मौत के बाद एक साल की मासूम कुसुम को लेने कोई नहीं आया।

loksabha election banner

पुलिस के मुताबिक इस घटना के बाद सुभाष के परिवार वालों ने बच्ची की जिम्मेदारी उठाने से ही इनकार कर दिया था। जब तक उसके लिए कोई वारिस नहीं मिल जाता है, तब तक पुलिस बच्ची की परवरिश कराएगी। आइजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि बच्ची की देखभाल फर्रुखाबाद में ही किसी महिला पुलिसकर्मी को दी जाएगी। अगर कोई बाहरी व्यक्ति बच्ची को गोद लेने के लिए आवेदन करेगा तो उस पर भी प्रशासनिक स्तर से विचार किया जाएगा।

सिरफिरे का बारूद कनेक्शन खंगाल रही पुलिस

सिरफिरे सुभाष के मोबाइल से मिले नंबरों के सहारे पुलिस बारूद कनेक्शन तलाश रही है। ढूंढ़ा जा रहा है कि आखिर वह कौन है जिसने इतनी बड़ी मात्रा में उसे बम और बारूद मुहैया कराए थे। आरोपित के मोबाइल में मिले एक दर्जन नंबरों को पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया है। कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद शातिर सुभाष स्मार्ट फोन के इस्तेमाल में काफी माहिर था। उसके घर से बरामद एक एंड्रायड फोन की सर्च हिस्ट्री के अनुसार वह यू-ट्यूब और गूगल गुरू के सहारे बम और डेटोनेटर बनाने के तरीके सर्च किया करता था।

एएसपी त्रिभुवन सिंह ने बताया कि सुभाष के घर से मिले मोबाइल फोन की जांच की जा रही है। उसकी कॉल डिटेल खंंगालने के साथ ही सबसे ज्यादा बातचीत वाले एक दर्जन नंबरों को सर्विलांस पर लिया है ताकि पता चल सके कि उसके साथ अपराध में कौन-कौन शामिल था और सबसे बड़े राज से पर्दा उठेगा कि आखिर उसे बारूद किसने मुहैया कराया।

पुलिस ने गुरुवार रात मुठभेड़ में किया था ढेर

फर्रुखाबाद की मोहम्मदाबाद कोतवाली इलाके के गांव करथिया के सिरफिरे सुभाष बाथम ने गुरुवार दोपहर 2:30 बजे अपनी एक साल की बेटी कुसुम की बर्थडे पार्टी के बहाने गांव के 25 बच्चे बुलाए और घर के 15 फीट लंबे-चौड़े और 10 फीट गहरे तहखाने में बंधक बना लिया था। इनमें एक बच्चे को उसने देर रात छोड़ दिया था। मौसा के कत्ल में उम्र कैद की सजा पा चुके सुभाष के इस कृत्य में उसकी बीवी रूबी भी सहयोगी बनी। 

आइजी मोहित अग्रवाल सीढ़ी के जरिये छत पर जाने की तैयारी में थे कि बच्चों की कैद से आक्रोशित भीड़ ने सुभाष के घर पथराव करते हुए दरवाजा भी तोड़ डाला। पुलिस भी पीछे से घुस आई। भीड़ सुभाष व उसकी बीवी को बाहर खींच लाई। पुलिस सुभाष को फिर घर में ले गई और वहीं एनकाउंटर में ढेर कर दिया। भीड़ जिस वक्त सुभाष पर टूट पड़ी तो बीवी रूबी ने बचाने की कोशिश की। इसके बाद दोनों को जमकर पीटा गया। पुलिस रूबी को एंबुलेंस से लोहिया अस्पताल ले गई। शुक्रवार सुबह गंभीर हाल देखते हुए उसे सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.