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महोबा में अजीब मामला संज्ञान में आया, पिछली योजना के तैयार खेत तालाब हकीकत में हो गए गायब

इस साल जिले में 2700 खेत तालाब एक साथ तैयार हो रहे है। प्रत्येक गांव में दस-दस तालाब तैयार कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसका शुभारंभ डीएम ने स्वयं गांवों में जाकर कराया था। इस समय इनका काम तेजी के साथ किया जा रहा है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 02:20 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 02:20 PM (IST)
महोबा में अजीब मामला संज्ञान में आया, पिछली योजना के तैयार खेत तालाब हकीकत में हो गए गायब
इस समय इनका काम तेजी के साथ किया जा रहा है

कानपुर, जेएनएन। जिले में सरकारी योजनाओं का लाभ तो मिल रहा है लेकिन पात्रों की स्वयं की अनदेखी से उसका सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। कुछ ऐसा ही खेत तालाब योजना में है। अनुदान मिलने के लालच में किसान इस योजना के पात्र तो बन गए लेकिन उसका जो मूल उद्देश्य था वह मिट्टी में मिल गया, यानी यह खेत तालाब पूरी तरह खेत में बारिश के दौरान कट गए और बाद में बराबर भी हो गए। अब यह तालाब केवल फाइलों के ख्वाब बन कर रह चुके हैं। इस साल एक बार फिर बड़े अभियान के तहत खेत तालाबों को तैयार कराया जा रहा है। इस बार डीएम ने निगरानी समिति की देखरेख में इन तालाबों को तैयार कराने के निर्देश दिए हैं। इस साल जिले में 2700 खेत तालाब एक साथ तैयार हो रहे है। प्रत्येक गांव में दस-दस तालाब तैयार कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसका शुभारंभ डीएम ने स्वयं गांवों में जाकर कराया था। इस समय इनका काम तेजी के साथ किया जा रहा है।

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क्या है योजना : खेत तालाब योजना के तहत बनने वाले तालाबों में 22 गुणे 20 मीटर लंबाई-चौड़ाई व गहराई तीन मीटर के तालाब तैयार होते हैं। इसके अलावा 35 गुणे 30 मीटर व गहराई तीन मीटर के भी तालाब होते हैं। किसान को स्वयं इसका चुनाव करना होता है। इसी आधार पर उसका चयन होता है। मापन का सत्यापन हो जाने के बाद किसान को तीन किस्तों में मध्यम तालाब के लिए 114200 रुपये मिलते हैं। लघु तालाब के लिए 52500 रुपये मिलते हैं।

पंचायत स्तर पर होता खेल : किस किसान का चयन होना है यह पंचायत स्तर पर प्रधान ही तय कर देते हैं। इसमें अपने पक्ष के किसानों को अधिकांश शामिल कर दिया जाता है। मनरेगा से काम होने के कारण उसका सत्यापन भी प्रधान मनमुताबिक करा लेते हैं। किसान अनुदान लाभ मिलने के कारण शिकायत भी नहीं करते।

कच्चे काम में पक्का खेल : खेत तालाब बारिश के पहले ही तैयार कराए जाते हैं। कई बार तालाब की गहराई मानक पर न होने या उसमें पानी आने को लेकर सही नाली न बनाए जाने से तेज बारिश में तालाब कट जाते हैं। धीरे-धीरे उसमें मिट्टी भर जाने से कुछ समय में ही खेत के बराबर हो जाता है। चरखारी तहसील की अटकौहां में विनोद के खेत में तीन साल पहले खेत तालाब बना था। अब वह खेत के बराबर हो चुका है।

इस बार तैयार हो रहे 2700 तालाब : जिला प्रशासन ने खेत तालाब तैयार कराने के लिए इस बार बृहद् रूपरेखा तय की है। जिले में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक साथ 2500 तालाबों में फावड़ा चलाया जा रहा है। इसका शुभारंभ जून के पहले सप्ताह से प्रारंभ हुआ था। जिले में इस बार खेत तालाब योजना के तहत 2700 तालाब तैयार होने हैं। खेत में तालाब तैयार कराने के लिए पहले से ही आवेदन मांगे गए थे। प्रधानमंत्री कृषि ङ्क्षसचाई योजना के अंतर्गत खेत तालाब योजना का लाभ पाने के लिए कई किसानों ने ऑनलाइन भी आवेदन किया है।

इनका ये है कहना

  • डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जिले में एक साथ 2500 तालाबों में काम हो रहा है। इन तालाबों के माध्यम से किसानों की फसल को पानी तो मिलेगा ही तालाब में मछली पालन भी हो सकता है।  

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