Award Nomination: पद्मश्री के लिए कानपुर के मनोज सेंगर का भी नाम, जानिए- क्या हैं उनकी उपलब्धियां
सामाजिक सेवा के क्षेत्र में बीते तीस साल से कार्य कर रहे युग दधीचि देहदान अभियान के संस्थापक एवं संचालक मनोज सेंगर का पद्मश्री सम्मान के लिए आवेदन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। वह समाज सेवा के कार्यों से जुड़े हुए हैं।
कानपुर, जेएनएन। समाज सेवा में हमेशा अग्रसर रहने वाले शहर के मनोज सेंगर का भी नाम पद्मश्री के लिए नामांकित होने पर लोगों में खुशी का माहौल है। समाज सेवा में उपलब्धियों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है। देहदान अभियान की शुरुआत करने वाले मनोज सेंगर कोरोना काल में अस्थि कलश बैंक की स्थापना करने के अलावा अनगिनत समाज सेवा के कार्यों से जुड़े रहे हैं।
सामाजिक सेवा के क्षेत्र में बीते तीस साल से कार्य कर रहे युग दधीचि देहदान अभियान के संस्थापक एवं संचालक मनोज सेंगर का पद्मश्री सम्मान के लिए आवेदन को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। शहर में देहदान अभियान और अस्थि कलश बैंक बनाने के बाद वह खासा चार्चा में आए। जेके कालोनी जाजमऊ निवासी 54 वर्षीय मनोज सेंगर विज्ञान स्नातक हैं। उन्होंने आजीवन निसंतान रहने का संकल्प पूरा करते हुए जीवन समाज हित में समर्पित कर दिया है।
उनका सबसे अतुलनीय देहदान अभियान है, जो वर्ष 2003 में तत्कालीन राज्यपाल उत्तर प्रदेश आचार्य विष्णुकांत शास्त्री जी के आग्रह पर शुरू हुआ था। समाज की आस्था को बदलते हुए मनोज वर्ष 2006 में प्रथम देहदान कानपुर देहात डेरापुर से 21 वर्षीय बउआ दीक्षित का कराने में सफल रहे थे। उत्तर प्रदेश में देहदान अभियान चला रहे सेंगर दंपती अबतक तीन हजार से अधिक लोगो को देहदान के लिए संकल्पित कर चुके हैं। इसके साथ ही 233 मृत देहदान करा चुके हैं। समाज में सराहनीय कार्य करने के चलते उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
एक नजर में परिचय
नाम - मनोज सेंगर
जन्मतिथि - 3 जुलाई 1967
शिक्षा - विज्ञान स्नातक
निवासी - 220/6 जे0के0 कॉलोनी जाजमऊ कानपुर
संकल्प : आजीवन निःसंतान रहने और देहदान अभियान में समर्पण
अबतक के काम व उपलब्धियां
देहदान अभियान के अंतर्गत 233 मृतदेह प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को दान।
3000 से अधिक देहदान संकल्पपत्र भराए।
नेत्रहीनों को कॉर्निया प्रत्यारोपण कराया।
कन्या भ्रूणहत्या रोकने के लिए शादी में आठवां वचन प्रारम्भ कराया।
बेटियों के हाथों से विगत दस साल से तर्पण व पिंडदान की प्रथा शुरू कराई।
विद्युत शवदाहगृह में अस्थिकलश बैंक की स्थापना।
मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अस्थियों का भूविसर्जन।
राहगीरों के लिए मंदिरों में शीतल पेयजल की व्यवस्था कराना।
अबतक मिले सम्मान
2009 में जी न्यूज उत्तर प्रदेश द्वारा अवध सम्मान।
2007 में केंद्रीय ग्रहराज्यमंत्री जी द्वारा सेवा रत्न सम्मान।
राज्यपाल श्री राम नाईक जी द्वारा संस्कार रत्न सम्मान।
राज्यपाल महोदय गुजरात द्वारा 2009 में डॉ ब्रजलाल वर्मा सम्मान।
रोटरी क्लब द्वारा डॉ गौरहरी सिंघानिया सम्मान।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा लाइफ टाइम एचीवमेंट सम्मान।