उन्नाव कांड : मुख्यमंत्री को बुलाने पर अड़ा परिवार, दुष्कर्म पीडि़ता की कब्र के पास धरने पर बैठा
बुधवार सुबह से शाम तक प्रशासन मान मनौव्वल करता रहा लेकिन कोई हल नहीं निकला।
उन्नाव, जेएनएन। बिहार थाना क्षेत्र में दुष्कर्म पीडि़ता की कब्र पर परिवार के लोग बुधवार की सुबह धरने पर बैठ गए और मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ गए। पीडि़त परिवार में मृतका की बहनें, पिता, मां और छोटे बच्चे भी खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। एसडीएम, सीओ और नायब तहसीलदार ने मौके पर जाकर परिवार को समझाने का प्रयास किया लेकिन परिवार अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़ा है। उनका कहना है कि जबतक मुख्यमंत्री नहीं आएंगे और आरोपितों को फांसी की सजा नहीं दी जाएगी तब तक धरना नहीं खत्म करेंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती भोर पहर रायबरेली जाने के लिए बैसवारा रेलवे स्टेशन के निकली थी। आरोप है कि गांव से करीब तीन सौ मीटर दूर स्टेशन के रास्ते में थी उसके द्वारा दुष्कर्म में आरोपित किए गए शिवम त्रिवेदी पुत्र हरिशंकर ने अपने साथियों के साथ उस पर केरोसिन छिड़क कर आग लगाकर भाग निकले थे। मृतका के स्वजनों से लगातार सरकार, शासन और प्रशासन संपर्क में है। वहीं अन्य राजनीतिक दलों के आला नेता भी पीडि़त परिवार से मिलकर हर संभव मदद देने का आश्वासन दे चुके हैं।
सुबह से कब्र पर पहुंच गया परिवार
बुधवार सुबह से पीडि़त परिवार कब्र पर पहुंच गया और धरना शुरू कर दिया। पीडि़ता की बड़ी बहन का कहना है कि आरोपितों को फांसी दी जाय या हम सभी को मारकर बहन की कब्र के पास दफन कर दिया जाए। परिवार मौके पर मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ गया। इसकी सूचना मिलते ही एसडीएम दयाशंकर पाठक, सीओ एके राय, नायाब तहसीलदार सुजीत कुमार तिवारी पहुंच गए और समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने कहा कि कमिश्नर साहब से वार्ता के अनुसार सभी शर्तें पूरी हो रही हैं। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए विधिक कार्रवाई की जा रही है ताकि न्यायालय से सख्त दंड मिले। पीडि़त परिवार के जिद पर अड़े रहने पर अधिकारियों ने कहा कि आप सबको ले जाकर मुख्यमंत्री से वार्ता कराई जाएगी। इसपर पीडि़ता की बहन ने जवाब दिया कि मुख्यमंत्री यहीं पर आएं, अब हम लोग वहां नहीं जाएंगे।
मृतका की कब्र बनवाने से रोका
मृतका के पीडि़त स्वजनों ने उसकी कब्र बनाने के काम को ही रोक दिया था और ईंटे आदि कंक्रीट फेंक दिया था। इस पर प्रशासन ने पीडि़त परिवार की संवदेनाओं को समझते हुए कब्र को जस का तस छोड़ दिया था। परिवार ने मृतका की बहन को नौकरी देने की मांग रखी थी। प्रशासन ने नौकरी दिए जाने संबंधी प्रक्रिया शुरू कर दी है और मृतका की बहन से अभिलेख लिये हैं।