सरकारी अस्पतालों में भेज दी गईं नकली दवाएं, बेहोशी के इंजेक्शन व जीवनरक्षक मेडिसिन भी शामिल Kanpur News
उर्सला केपीएम सहित कई सीएचसी पीएचसी में दवाओं के वितरण पर रोक भेजी गईं 13 दवाओं के नमूने फेल।
कानपुर, जेएनएन। दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए गठित यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की ओर से सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं भेजी जा रही हैं। पांच माह में 13 दवाओं के नमूने फेल होना इस बात का सबूत है। इनमें से आठ दवाएं जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भेजी जा चुकी हैं। जांच रिपोर्ट के बाद इनके वितरण पर रोक लगा दी गई है।
दवाएं खपाने का चल रहा खेल
दो साल पहले गठित यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन अब फार्मा कंपनियों के प्रभाव में आने लगा है। यहां भी दवाएं खपाने का खेल चल रहा है। गनीमत रही कि प्रदेश भर में जगह-जगह खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से नमूने लेकर इन दवाओं की जांच की गई। जिन 13 दवाओं के नमूने फेल हुए हैं, उनमें बेहोशी के इंजेक्शन से लेकर जीवनरक्षक दवाएं शामिल हैं। इन बैच नंबर की दवाओं की आपूर्ति प्रदेश भर में हुई थी, जिसमें से 8 दवाएं कानपुर सीएमओ के मुख्य औषधि भंडार से लेकर सीएचसी-पीएचसी तक भेजी गईं। वहीं उर्सला, डफरिन, केपीएम एवं कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में भी इनकी आपूर्ति हुईं।
उठ रहे हैं सवाल
कारपोरेशन पहले फार्मा कंपनियों को दवा आपूर्ति का आर्डर देता है। आपूर्ति से पहले निजी एजेंसी से गुणवत्ता की जांच कराई जाती है। इसके बाद कॉरपोरेशन का क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर सरकारी एजेंसी से जांच कराता है। इसके बाद ही दवाएं अस्पतालों में भेजी जाती है। सवाल यह है कि यदि जांच ठीक से हुई तो नकली दवा पास कैसे हो गई।
स्वास्थ्य केंद्रों से मंगाईं दवाएं
मुख्य औषधि भंडार के प्रभारी एसीएमओ डॉ. आरसी आर्या ने बताया कि जिन बैच की दवाओं के नमूने फेल हुए हैं। उनमें से आठ दवाएं आई थीं। इनके वितरण पर रोक लगाकर वापस मंगाया गया है।
ये दवाएं भेजी गईं
डोबिटामिन इंजेक्शन 50 एंपुल, सीएमसी आइड्राप 180, लिग्नोकेन विद एडीनोलिन इंजेक्शन 800 एंपुल, लिग्नोकेन जेली 2000 पीस, आर्टिसुनेट इंजेक्शन 300 एंपुल, एरिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक टेबलेट 3 लाख, नियोमाइसिन बेसीट्रेसिन विद जिंक पाउडर 13000 पीस, पैरासिटामॉल सिरप 7300 शीशी।
इनका ये है कहना
कारपोरेशन से आपूर्ति की गईं 13 दवाओं के नमूने अलग-अलग जगहों पर फेल हुए हैं। इस पर 5-6 माह से कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। उस बैच नंबर की आठ दवाएं यहां आईं थीं। शासन के आदेश पर इनका वितरण रोक दिया है। वापस मंगाने के लिए पत्र लिखा है।
-डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ।