Kanpur में कौशल विकास योजना में फर्जीवाड़ा, पंजीयन में थंब इंप्रेशन कर साफ्टवेयर की मदद से लगाते रहे हाजिरी
कानपुर में कौशल विकास योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां पंजीयन में थंब इंप्रेशन कर साफ्टवेयर की मदद से आरोपित फर्जी हाजिरी लगाते रहे है। लखनऊ में गोलमाल सामने आने के बाद जांच में 1125 प्रशिक्षण केंद्रों की जांच हुई है।
कानपुर, [अनुराग मिश्र]। प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी कौशल विकास मिशन के प्रशिक्षण के दौरान आधार प्रमाणित उपस्थिति में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पंजीयन के बाद प्रशिक्षणार्थी गए भी नहीं लेकिन उनकी बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज होती रही। शत प्रतिशत उपस्थिति देखने के बाद लखनऊ में कराई गई जांच में सच सामने आया तो अधिकारी भी चौंक गए।
उपस्थिति दर्ज करने वाली कंपनी की शिकायत पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) का डाटाबेस खंगाला गया तो प्रदेश भर के 1125 केंद्रों में 17 हजार 743 प्रशिक्षणार्थियों के लिए नान लाइव अंगुलियां (बिना अंगुली लगाए) उपस्थिति दर्ज मिली। अब मिशन निदेशक आंद्रा वामसी ने मुकदमे और संस्था को मिशन से अलग करने की चेतावनी दी तो केंद्र संचालकों में खलबली मची है।
बेरोजगार युवाओं को विभिन्न ट्रेड में दक्ष कर रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार कौशल विकास मिशन योजना संचालित कर रही है। इसमें 300 से 750 घंटे (छह घंटे के हिसाब से सवा महीने से साढ़े चार माह तक) प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें प्रतिघंटे के हिसाब से 45 रुपये का भुगतान किया जाता है।
इसमें पहले सामान्य तरीके से उपस्थिति दर्ज की जाती रही और फर्जी नामों के सहारे भुगतान लिए जाने की जानकारी पर बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की गई और इसे लीक प्रूफ रखने के लिए आधार प्रमाणीकरण से जोड़ा गया लेकिन इसका भी तोड़ निकाल लिया गया।
ऐसे किया गया खेल : इसमें पंजीयन के दौरान प्रशिक्षणार्थी के आधार के साथ लिए गए थंब इंप्रेशन आधारित उपस्थिति की व्यवस्था की गई। इसका ब्योरा रखने का जिम्मा श्रीट्रान इंडिया कंपनी को दिया गया। कंपनी को शत प्रतिशत उपस्थिति मिलने लगीं तो अफसरों का माथा ठनका और लखनऊ में पिछले माह कुछ प्रशिक्षण केंद्रों में जांच कराई तो वहां प्रशिक्षणार्थी ही नहीं मिले लेकिन उनकी उपस्थिति दर्ज थी।
इसकी जांच हुई तो पता चला कि थंब इंप्रेशन की साफ्टवेयर की मदद से क्लोनिंग की गई और यूआइडीएआइ भी उनका प्रमाणीकरण करता रहा। बाद में जांच हुई तो पता चला कि 17 हजार 743 प्रशिक्षणार्थियों की नान लाइव अंगुलियों के चिह्न से उपस्थिति दर्ज की गई थी। अब मिशन अधिकारी खंगाल रहे हैं कि कितने केंद्रों ने भुगतान लिया या नहीं।
इस गंभीर प्रकरण की जांच कराकर पूर्व में भी कार्रवाई की गई है। अब इस प्रकरण में जांच कराने के साथ ही सभी प्रशिक्षण केंद्रों को चेतावनी पत्र दिया गया है कि ऐसे मामलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और यूआइडीएआइ एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही केंद्र को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।- आंद्रा वामसी, निदेशक, कौशल विकास मिशन
ऐसे तो कहीं भी थंब इंप्रेशन का कर सकते इस्तेमाल
साइबर विशेषज्ञ रक्षित टंडन कहते हैं कि थंब इंप्रेशन की क्लोनिंग के जरिए फर्जी तरीके से भुगतान लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसका अन्य जगह भी गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। उपस्थिति दर्ज करने वाली कंपनी को अपने अटेंडेंस साफ्टवेयर को लीक प्रूफ करना चाहिए। इससे तो लोगों का डेटा ही सुरक्षित नहीं रह पाएगा।
ये है योजना
- सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण
- युवक और युवतियों को प्रशिक्षण के लिए इच्छानुसार पाठ्यक्रम चुनने का मौका
- 34 ट्रेड के 283 पाठ्यक्रमों में जैसे मोटर वाहन ,फैशन डिज़ाइनिंग आदि का प्रशिक्षण- सभी पाठ्यक्रम में अंग्रेज़ी के साथ ही कंप्यूटर की भी जानकारी
- मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा सफल युवक-युवतियों को प्रमाणपत्र
इन ट्रेड में प्रशिक्षण
व्यापार और वाणिज्य, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, पर्यटन,बैंकिंग और लेखा, बीमा, प्रक्रिया साधन
सामग्री प्रबंधन, इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रानिक्स, चमड़ा और खेल का सामान, फैब्रीकेशन, प्लास्टिक प्रोसेसिंग,
हास्पिटैलिटी, कंस्ट्रक्शन, प्रिंटिंग, कृषि, पेंटिंग, हेल्थ केयर, कोरियर एंड लाजिस्टिक, फैशन डिजाइनिंग, मार्केटिंग।
पात्रता
- उत्तर प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य।
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष से 35 वर्ष तक होनी चाहिए।
- कम से कम हाईस्कूल पास होना चाहिए।
-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र का होना जरूरी।
ये भी चाहिए
- आवेदक का आधार कार्ड
- पहचान पत्र
-निवास प्रमाण पत्र
-आयु प्रमाण पत्र
- शैक्षिक प्रमाण पत्र
- आवेदक बीपीएल कार्ड धारक हो तो उसका बीपीएल राशन कार्ड
- निर्माण श्रमिक पंजीकरण संख्या
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार - 66 लाख
कौशल विकास के लिए पंजीयन - 46 लाख