जब कर्ज चुका पाने का नहीं दिखा कोई रास्ता तो फंदे पर लटक गया किसान Jalaun News
साढ़े तीन लाख रुपये बैंक का ऋण था चार महीने पहले हुई भतीजे की मौत के बाद से तनाव में रहता था।
जालौन, जेएनएन। ग्राम लहरकनार में शनिवार रात एक किसान ने नलकूप पर फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। सुबह घर वालों को पता चला तो उनके होश उड़ गए। किसान के नाम बीस बीघा जमीन था। किसान क्रेडिट कार्ड से उसने साढ़े तीन लाख रुपये ऋण लिया था लेकिन फसल की पैदावर अच्छी न होने के कारण वह कर्ज नहीं चुकता कर पा रहा था। चार महीने पहले भतीजे की मौत के बाद वह बुरी तरह से टूट गया। माना जा रहा है कि तनाव के चलते उसने खुदकशी की है।
ग्राम लहर कनार निवासी 50 वर्षीय किसान गोविंद सिंह खेती कर परिवार का गुजारा करता था। फसल की रखवाली के लिए वह अक्सर रात में नलकूप पर ही रुकता था। शनिवार रात खेत मेंं बने नलकूप पर ही उसने फांसी लगाकर जान दे दी। रविवार सुबह काफी देर तक वह घर नहीं पहुंचे तो बड़ा पुत्र इंद्रजीत उन्हें देखने नलकूप गया तो उनका शव फंदे पर लटक रहा था। सूचना पर थोड़ी ही देर में पुलिस पहुंच गई और शव को नीचे उतारा। किस वजह से किसान गोविंद ने फांसी लगाकर खुदकशी की है पुलिस इसकी जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में जो बात सामने आई है उसके तहत चार महीने पहले गोविंद सिंह भतीजे विशंभर को मौत हो गई थी, इस वजह से वह तनाव में रहता था।
इसके अलावा उसके ऊपर साढ़े तीन लाख रुपये का कर्ज भी था। काफी समय से फसल ठीक न होने की वजह आमदनी नहीं हो पा रही थी। इस कारण वह बैंक का कर्ज चुकता नहीं कर पा था। जबकि ब्याज बढ़ता जा रहा था। पुत्र इंद्रजीत का कहना है कि पिछले दिन आई बाढ़ से पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। जिससे उसके पिता बुरी तरह से टूट गए। कर्ज चुकाने की चिंता उन्हें भीतर ही भीतर खाए जा रही थी। जिसके चलते हताश होकर उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
बेटी की शादी के लिए लिया था ऋण
बताया जाता है कि गोविंद सिंह ने वर्ष 2012 में अपनी बेटी लाली की शादी की थी। तभी उसने बैंक से कर्ज लिया था। इसके बाद वह चुकता नहीं कर पाया। कई किस्त चुकाने के बाद भी साढ़े तीन लाख रुपये का हिसाब उसके ऊपर बन रहा था। जिसे चुकता करने के लिए इलाहाबाद बैंक शाखा की तरफ से उसे नोटिस भी जारी किए गए।