पांचवीं व आठवीं में फेल हुए तो नहीं मिलेगा अगली कक्षा में प्रवेश
केंद्र सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को जारी किए निर्देश।
समीर दीक्षित, कानपुर : पांचवीं और आठवीं के बच्चे अब कम अंक आने पर पास नहीं किए जाएंगे। उन्हें पूरक परीक्षा देनी होगी इसमें भी फेल हो गए तो अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार ने लोकसभा में शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन कर इसका अधिकार राज्य सरकारों को दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को निर्देश जारी कर जल्द ही अधिसूचना जारी होने के संकेत दिए हैं।
आरटीई के तहत अब तक पांचवीं और आठवीं के छात्रों को फेल नहीं किया जाता था। ऐसे में पिछले साल हुई केंद्रीय शिक्षा परामर्श बोर्ड (कैब) की बैठक में तीन राज्य- तमिलनाडु, केरल और तेलंगाना को छोड़कर सभी ने इस नीति में बदलाव की मांग की थी। नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण में भी यह सामने आया था कि आठवीं तक के ज्यादातर बच्चों के पास अपेक्षित ज्ञान ही नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार ने लोकसभा में इस संबंध में विधेयक पारित कर दिया है। इसके तहत राज्यों के पास ये अधिकार होगा कि वे कम अंक के बावजूद छात्रों को अगली कक्षा में भेजना चाहते हैं या नहीं। राज्य में अगर संशोधन लागू होगा तो कम अंक लाने वाले छात्रों के लिए मई माह में एक पूरक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसे पास करने पर ही छात्र को अगली कक्षा में भेजा जाएगा। शर्त ये होगी कि फेल होने वाले किसी भी छात्र को स्कूल को निकाला नहीं जाएगा।
पांचवीं और आठवीं में बोर्ड परीक्षा भी जल्द: केंद्र सरकार जल्द ही पांचवीं और आठवीं कक्षा में बच्चों की परीक्षाएं बोर्ड की तर्ज पर कराने की तैयारी में हैं। इसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है। केंद्रीय विद्यालयों व सीबीएसई स्कूलों के प्रधानाचार्यो को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं ताकि वह उक्त कक्षा के बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें। जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। - - - - - - - - - - - -
''केंद्र सरकार के इस संशोधन से बच्चों का स्वमूल्यांकन हो सकेगा। यह एक बेहतर कदम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से यह निर्देश मिले हैं कि जल्द अधिसूचना जारी हो जाएगी।'' -सुदीप बाजपेई, प्रधानाचार्य केवी कैंट