पिता को न मारता तो खुद मर जाता, आखिर हत्यारोपित बेटे ने क्यों कही ये बात
प्लास्टिक फैक्ट्री मालिक की हत्या मामले में बेटे को पुलिस ने भेजा जेल।
कानपुर, जेएनएन। गांधीनगर में प्लास्टिक कारोबारी धर्मेश कुमार विश्वकर्मा की हत्या के मामले में पुलिस ने उनके मझले बेटे रवि कुमार को शनिवार शाम जेल भेज दिया। इस दौरान आरोपित के चेहरे पर न तो शिकन थी और न ही कोई पछतावा। उसने कहा कि तीन दिन से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। पापा को नहीं मारता तो खुद मर जाता।
तीन दिनों से संपत्ति को लेकर चल रहा था उनके बीच विवाद
धर्मेश कुमार विश्वकर्मा की पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में प्लास्टिक की फैक्ट्री है। शुक्रवार को मझले बेटे रवि कुमार को कमरे में नशेबाजी करते देख वह भड़क उठे। उन्होंने उसे डांटा और समझाने की कोशिश की। इस बीच रवि ने धर्मेश के सिर पर लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ कई वार किए और तेजी से घर से बाहर भाग गया। उन्हें हैलट में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस बीच पुलिस ने रवि को उसके एक दोस्त के घर से गिरफ्तार कर वारदात में प्रयुक्त रॉड बरामद कर ली।
हिस्सा मांगा था तो दुत्कार दिया
शनिवार सुबह रवि का नशा उतरने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि संपत्ति को लेकर उसका पिता व भाइयों से विवाद चल रहा है। पिता ने फैक्ट्री बड़े भाई ऋषि व छोटे रजत को सौंप दी है। उसे केवल फैक्ट्री के एक हिस्से का किराया देते थे। उससे परिवार चलाना मुश्किल होता था। पत्नी (मेनका) की नौकरी न होती तो आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता। पापा (धर्मेश) से वह अपना हिस्सा मांग रहा था, लेकिन वह टालमटोल करते थे। इसी बात को लेकर तीन दिन से विवाद हो रहा था। शुक्रवार शाम को भी पिता को बाहर जाते देखकर उसने रोका और हिस्सा मांगा। इस पर उन्होंने दुत्कार दिया और नशे की लत छोडऩे के लिए कहा। इस पर विवाद हुआ और तब तैश में आकर रवि ने उनके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया।
इनका ये है कहना
नशेबाजी के विरोध पर बेटे ने प्लास्टिक कारोबारी पिता की हत्या कर दी थी। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित का संपत्ति को लेकर पिता व भाइयों से विवाद भी चल रहा था। आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
- डॉ. अनिल कुमार, एसपी पश्चिम