एक झटके में तोड़ दिया था मालकिन का भरोसा और पहुंच गया सलाखों के पीछे
तीन माह पहले पिछले इतिहास से अनजान फैक्ट्री मालकिन ने विश्वास जताकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी दी थी। गर्भवती पत्नी के प्रसव और गिरवीं रखी बाइक छुड़ाने के लिए कर दिया अपराध।
By Edited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 11:28 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 06:23 PM (IST)
कानपुर (जेएनएन)। कहते हैं जरायम की दुनिया में कदम रखने वाले में कभी सुधार नहीं हो सकता है, शायद यही कारण रहा कि अमित ने एक झटके में अपनी मालकिन का भरोसा तोड़ दिया। गर्भवती पत्नी के प्रसव और गिरवीं रखी बाइक छुड़ाने के लिए उसने ऐसा अपराध कर डाला, जिसने अब उसे शायद जीवन भर के लिए सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। तीन माह पहले बहुत विश्वास के साथ फैक्ट्री मालकिन ने उसे काम पर रखा था लेकिन वह उसपर खरा नहीं उतर सका।
जुआं खेलने का भी लती है अमित
फतेहपुर जिला के उकाथू थाना खागा निवासी अमित त्रिवेदी पूर्व में कई अपराध कर चुका है। खागा थाना में जानलेवा हमले के साथ गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर की कार्रवाई हो चुकी है। जरायम से जुड़ा अमित जुएं का भी लती हो चुका था। उसकी पत्नी गर्भवती हुई तो उसने नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत की सोची। वह काम मांगने शेखपुर नरी गांव के पास स्थित लेदर फैक्ट्री में पहुंचा। तीन माह पहले उसके पिछले इतिहास से अनजान फैक्ट्री मालकिन राजेंद्र कौर ने उसपर भरोसा किया और सुरक्षा गार्ड की नौकरी दे दी।
जुएं में गिरवीं रख दी थी बाइक
जुएं के लती अमित ने बाइक तक गिरवी रख दी थी। बाइक को छुड़ाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। इधर गर्भवती पत्नी के प्रसव का समय नजदीक आ रहा था, जिसके लिए भी पैसे की जरूरत थी। फैक्ट्री से मिलने वाले वेतन से वह परिवार का गुजारा कर रहा था। बाइक छुड़ाने और पत्नी का प्रसव कराने के लिए उसके दिमाग में एक बार फिर अपराध की योजना ने जन्म लिया।
कर दी अपनी मालकिन की हत्या
लालबंगला शिवकटरा निवासी पति त्रिलोचन सिंह और बेटे राजप्रीत से करीब पंद्रह साल से अलग रहकर सत्तर वर्षीय राजेंद्र कौर उन्नाव में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर फैक्ट्री का संचालन करती थीं। फैक्ट्री में जूते के अपर बनाए जाते थे। 20 सितंबर की शाम फैक्ट्री परिसर के आवास में उनकी हत्या कर दी गई। लखनऊ आलमबाग में रहने वाली बेटी हरमीत कौर ने कई फोन किए, कॉल रिसीव न होने पर उसने कानपुर में रहने वाले मां के परिचित शैलेंद्र त्रिपाठी को बताया। इसके बाद शैलेंद्र फैक्ट्री परिसर पहुंचे तो अंदर राजेेंद्र का रक्तरंजित शव पड़ा पाया। सदर कोतवाली और स्वॉट की संयुक्त टीम ने पांचवें दिन घटना से पर्दा उठाते हुए आरोपित सुरक्षा गार्ड अमित त्रिवेदी को गिरफ्तार कर लिया।
अमित की जुबानी घटना की कहानी
पुलिस की पूछताछ में अमित ने बताया है कि 20 सितंबर को दिन में 11 बजे फैक्ट्री गया और मालकिन से अपना वेतन मांगा। राजेंद्र कौर ने पर्स से 22 सौ रुपये निकालकर उसे दिए। पर्स में अधिक रुपये देख उसकी नीयत खराब हो गई। शाम छह बजे दोबारा फैक्ट्री पहुंचा और योजना के तहत राजेंद्र कौर के बैग से रुपये निकालने लगा। नजर पडऩे पर राजेंद्र ने विरोध किया तो उसने ईंट फोडऩे वाली बसुली से सिर और चेहरे पर कई वार करके हत्या कर दी। उनके हाथ से सोने का कड़ा उतारकर अन्य जेवरात और 15 हजार रुपये लूटकर फरार हो गया।
इसक बाद वह कानपुर अपने कमरे पर गया और खून से सनी शर्ट बदलकर रात्रि में वहां से गांव उकाथू खागा गया। यहां एक सुनार को लूट का माल देकर 69 हजार रुपये लिए और खागा स्टेशन के पास बाग में जुआं खेलते हुए सारा रुपया हार गया। उन्नाव एसपी हरीश कुमार ने बताया कि लूट के 14 हजार रुपये, खून से सनी शर्ट, घड़ी, लूटा गया कड़ा, अंगूठी, सिम कार्ड समेत अन्य चीजें बरामद की गई हैं। आरोपित पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। उसे सजा दिलाने के लिए पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं।
जुआं खेलने का भी लती है अमित
फतेहपुर जिला के उकाथू थाना खागा निवासी अमित त्रिवेदी पूर्व में कई अपराध कर चुका है। खागा थाना में जानलेवा हमले के साथ गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर की कार्रवाई हो चुकी है। जरायम से जुड़ा अमित जुएं का भी लती हो चुका था। उसकी पत्नी गर्भवती हुई तो उसने नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत की सोची। वह काम मांगने शेखपुर नरी गांव के पास स्थित लेदर फैक्ट्री में पहुंचा। तीन माह पहले उसके पिछले इतिहास से अनजान फैक्ट्री मालकिन राजेंद्र कौर ने उसपर भरोसा किया और सुरक्षा गार्ड की नौकरी दे दी।
जुएं में गिरवीं रख दी थी बाइक
जुएं के लती अमित ने बाइक तक गिरवी रख दी थी। बाइक को छुड़ाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। इधर गर्भवती पत्नी के प्रसव का समय नजदीक आ रहा था, जिसके लिए भी पैसे की जरूरत थी। फैक्ट्री से मिलने वाले वेतन से वह परिवार का गुजारा कर रहा था। बाइक छुड़ाने और पत्नी का प्रसव कराने के लिए उसके दिमाग में एक बार फिर अपराध की योजना ने जन्म लिया।
कर दी अपनी मालकिन की हत्या
लालबंगला शिवकटरा निवासी पति त्रिलोचन सिंह और बेटे राजप्रीत से करीब पंद्रह साल से अलग रहकर सत्तर वर्षीय राजेंद्र कौर उन्नाव में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर फैक्ट्री का संचालन करती थीं। फैक्ट्री में जूते के अपर बनाए जाते थे। 20 सितंबर की शाम फैक्ट्री परिसर के आवास में उनकी हत्या कर दी गई। लखनऊ आलमबाग में रहने वाली बेटी हरमीत कौर ने कई फोन किए, कॉल रिसीव न होने पर उसने कानपुर में रहने वाले मां के परिचित शैलेंद्र त्रिपाठी को बताया। इसके बाद शैलेंद्र फैक्ट्री परिसर पहुंचे तो अंदर राजेेंद्र का रक्तरंजित शव पड़ा पाया। सदर कोतवाली और स्वॉट की संयुक्त टीम ने पांचवें दिन घटना से पर्दा उठाते हुए आरोपित सुरक्षा गार्ड अमित त्रिवेदी को गिरफ्तार कर लिया।
अमित की जुबानी घटना की कहानी
पुलिस की पूछताछ में अमित ने बताया है कि 20 सितंबर को दिन में 11 बजे फैक्ट्री गया और मालकिन से अपना वेतन मांगा। राजेंद्र कौर ने पर्स से 22 सौ रुपये निकालकर उसे दिए। पर्स में अधिक रुपये देख उसकी नीयत खराब हो गई। शाम छह बजे दोबारा फैक्ट्री पहुंचा और योजना के तहत राजेंद्र कौर के बैग से रुपये निकालने लगा। नजर पडऩे पर राजेंद्र ने विरोध किया तो उसने ईंट फोडऩे वाली बसुली से सिर और चेहरे पर कई वार करके हत्या कर दी। उनके हाथ से सोने का कड़ा उतारकर अन्य जेवरात और 15 हजार रुपये लूटकर फरार हो गया।
इसक बाद वह कानपुर अपने कमरे पर गया और खून से सनी शर्ट बदलकर रात्रि में वहां से गांव उकाथू खागा गया। यहां एक सुनार को लूट का माल देकर 69 हजार रुपये लिए और खागा स्टेशन के पास बाग में जुआं खेलते हुए सारा रुपया हार गया। उन्नाव एसपी हरीश कुमार ने बताया कि लूट के 14 हजार रुपये, खून से सनी शर्ट, घड़ी, लूटा गया कड़ा, अंगूठी, सिम कार्ड समेत अन्य चीजें बरामद की गई हैं। आरोपित पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। उसे सजा दिलाने के लिए पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं।
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