अब ''आठ अंक'' आपके फेसबुक अकाउंट को करेंगे सुरिक्षत, कोई न कर सकेगा घुसपैठ, जाने कैसे
साइबर सुरक्षा पर शोध कर कानपुर के 11वीं के छात्र ने एक ऐसा ओटीपी खोज निकाला है जिसके जरिए आपके फेसबुक अकाउंट पर किसी की बुरी नजर नहीं पड़ सकेगी। अंशराज ने साइबर रिसर्चर के रूप में फेसबुक को तकनीक दी है। उन्हें 15 लाख का इनाम भी मिला है।
कानपुर, (विवेक मिश्र)। अब आपके फेसबुक अकाउंट पर कोई घुसपैठ नहीं कर सकेगा। आठ अंक के ओटीपी से साइबर ठगी के तिकड़म पर रोक लगेगी, इससे इंटरनेट मीडिया पर लोगों की निजता का सुरक्षा घेरा मजबूत होगा। यह संभव हुआ है, कानपुर के नेहरू नगर निवासी कक्षा 11 के छात्र 17 वर्षीय अंशराज श्रीवास्तव की खोजी गई साइबर तकनीक से। उन्होंने एक वर्ष तक शोध कर आठ अंकों के ऐसे वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की तकनीक खोजी, जिसे हैकिंग की तमाम कोशिशों के बावजूद तोड़ा नहीं जा सका। फेसबुक अब अपने यूजर्स को छह नहीं, आठ अंकों का ऐसा ही ओटीपी जारी करके ठगों को रोकेगा।
अंशराज ने बताया कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया में लोग घर में रहकर तनाव में जी रहे थे, तब उन्होंने फेसबुक यूजर्स का अकाउंट सुरक्षित रखने के विषय पर शोध किया। हाल ही में उनको फेसबुक की ओर से 15 लाख रुपये का इनाम और ईमेल पर प्रशस्ति पत्र मिला है। अंशराज, मूलरूप से कानपुर देहात के नहोली गांव निवासी वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट धर्मेंद्र श्रीवास्तव के बेटे हैं। मां पूजा श्रीवास्तव का कहना है कि अब बेटे को 12वीं की पढ़ाई पूरी कराने के बाद अमेरिका से साइबर सुरक्षा विषय पर डिग्री दिलाएंगी।
हैकर की तरह सुरक्षा में सेंध लगाकर खोजा हल: मेधावी अंशराज के मुताबिक, वर्ष 2020 के नवंबर से वर्ष 2021 में अक्टूबर तक फेसबुक के सिक्योरिटी फीचर पर पासवर्ड और ओटीपी पर हैकर की तरह सोचकर काम किया, इसमें पता चला कि उपयोगकर्ता के ईमेल और फोन नंबर पर एक पासवर्ड रीसेट ओटीपी भेजा जाता है। इसी दौरान हैकर्स अकाउंट हैक कर लेते हैं।
इसलिए लाए आठ अंक: आठ अंकों का विशेष ओटीपी तैयार करने पर अकाउंट हैक नहीं किया जा सका। अंशराज बताते हैैं कि इसी वर्ष फरवरी में फेसबुक सुरक्षा प्रबंधन ने ओटीपी के अंक बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार कर फीचर में अपडेट किया। फिर इसकी देखादेखी दूसरी इंटरनेट मीडिया साइट्स ने भी आठ अंकों के ओटीपी का चलन शुरू किया। उन्हें यह उपलब्धि दुनिया भर के 15 लोगों के बीच मिली।
साइबर अपराधी ऐसे पा लेते पासवर्ड: अंशराज बताते हैं कि साइबर अपराधियों या ठगों के लिए छह अंकों का वन टाइम पासवर्ड पता करने में आसानी रहती है क्योंकि ओटीपी छह अंकों का था जिसमें 0 से 9 तक एक करोड़ संभावित संख्या संयोजन था और उपयोगकर्ताओं की संख्या इससे अधिक थी। इसलिए पासवर्ड मैच होने की आशंका ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि जब पासवर्ड के अंक ज्यादा होते हैं तो उन्हें डिकोड करना मुश्किल होता है। ओटीपी 15 अंक तक भी किए जा सकते थे लेकिन इससे उपयोगकर्ताओं को दिक्कत आती।
फेसबुक हाल आफ फेम में शामिल: फेसबुक की ओर से भेजे गए ईमेल में अंशराज का नाम हाल आफ फेम में शामिल करने की जानकारी दी गई है। कैंट स्थित बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ रहे अंशराज ने 10वीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक पाए थे।
ऐसे बचें हैकर्स से:
- इंटरनेट मीडिया, सोशल साइट्स पर यूजर्स मजबूत पासवर्ड बनाएं।
- पासवर्ड बदलते समय में दो तरह के प्रमाणीकरण का विकल्प चुनें। इसमें मोबाइल फोन नंबर व ईमेल रखें।
- अपने फेसबुक अकाउंट या ईमेल का इस्तेमाल करने के बाद लागआउट जरूर करें।
क्या बोले जिम्मदार: साइबर हैकर्स छह अंकों का पासवर्ड आसानी से पा लेते हैैं क्योंकि छह अंकों के प्रत्येक अंक में 0 से 9 अंक तक शामिल होते हैं। एथिकल हैकर्स अकाउंट हैक करके साइबर अपराध करते हैं। अब फेसबुक ने आठ अंकों का ओटीपी शुरू किया है तो उपयोगकर्ता का अकाउंट ज्यादा सुरक्षित रहेगा क्योंकि आठ अंकों के पासवर्ड में हर अंक में 0 से 9 तक नंबर इस्तेमाल होंगे तो उन्हें पाना बड़ा मुश्किल है। - रक्षित टंडन, साइबर विशेषज्ञ