मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद चली गई आंख की रोशनी, डॉक्टर पर लगा जुर्माना
चकेरी के सनिगवां एलआइजी केडीए कालोनी निवासी फर्नीचर कारीगर राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के अनुसार धुंधला दिखने की समस्या होने पर 14 फरवरी को उर्सला अस्पताल में डा. अजय कुमार और डा. केएन कटियार को दिखाया। डाक्टर ने दाईं आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी देते हुए आपेरशन कराने को कहा।
जागरण संवाददाता, कानपुर: नौबस्ता के निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद छह लोगों की आंखों की रोशनी जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उर्सला अस्पताल में भी एक मरीज की आंखों की रोशनी छिन गई। बुधवार को पीड़ित ने मामले की शिकायत सीएमओ से की और डाक्टर पर पांच हजार रुपये लेने का भी आरोप लगाया।
चकेरी के सनिगवां एलआइजी केडीए कालोनी निवासी फर्नीचर कारीगर राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के अनुसार, धुंधला दिखने की समस्या होने पर 14 फरवरी को उर्सला अस्पताल में डा. अजय कुमार और डा. केएन कटियार को दिखाया। डाक्टर ने दाईं आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी देते हुए आपेरशन कराने को कहा।
28 फरवरी को आंखों की जांच कर पांच हजार रुपये लेंस डालने के नाम पर लिए गए। इसके बाद दो मार्च को उर्सला अस्पताल में डा. अजय कुमार ने आपरेशन किया। चार मार्च को आंख की पट्टी खोली गई। राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि 10 मार्च तक उन्हें ठीक दिखा लेकिन अगले दिन से उन्हें धुंधला दिखने लगा। इस पर वे उर्सला अस्पताल पहुंचे तो डाक्टर ने आंख में कीचड़ आने की बात कहकर ड्राप डालने के लिए दिया।
लगातार आंख में ड्राप डालने के बावजूद 17 मार्च को उन्हें दाईं आंख से पूरी तरह दिखना बंद हो गया। कटकर लटक गया आंख का परदाः बाद में खैराबाद नेत्र चिकित्सालय और जवाहर लाल रोहतगी नेत्र चिकित्सालय में जांच कराई तो पता चला कि उनकी आंख का परदा कटकर लटक गया है। इससे आंख की रोशनी चली गई है।