सी कार्गो मेनीफेस्ट ट्रांसशिपमेंट रेग्यूलेशन से कानपुर के कारोबारियों को मिलेंगी दो बड़ी राहत
कार्गो के मूवमेंट की जानकारी कारोबारी के पास तक पहुंचेगी इस प्रक्रिया में कानपुर में जूही और चकेरी इनलैंड कंटेनर डिपो रजिस्टर किए जा चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। सी कार्गो मेनीफेस्ट ट्रांसशिपमेंट रेग्यूलेशन (एससीएमटीआर) के जरिए शहर के निर्यातकों को सितंबर माह के अंत में दो बड़ी सुविधाएं मिलने जा रही हैं। इसके लागू होते ही एक तो कारोबारियों को ड्यूटी ड्रा बैक जल्दी मिल सकेगा, दूसरी ओर उनके पास अपने आप ही अपने कंटेनर की जानकारी आती रहेगी कि वह कहां तक पहुंचा है। इस नई व्यवस्था के लिए कानपुर नगर में जूूही और चकेरी इनलैंड कंटेनर डिपो (आइसीडी) पंजीकृत भी हो चुके हैं।
एमसीएमटीआर यूं तो दो वर्ष पहले लागू होना था लेकिन कानपुर में यह अब तक लागू नहीं हो सका था। जिन स्थानों पर यह लागू नहीं था, वहां अनिवार्य रूप से सितंबर के अंत तक लागू करने के निर्देश दिए गए। चकेरी इनलैंड कंटेनर डिपो के संचालक विनोद मेहरोत्रा के मुताबिक इसके लागू होने से निर्यातक को फायदे होंगे। अभी ड्यूटी ड्रा बैक पाने में निर्यातक को एक माह का समय लगता है। इसके लागू होने के बाद उन्हें एक सप्ताह में ही ड्यूडी ड्रा बैक हो जाएगी।
कस्टम क्लीयरेंस होते ही एक्सपोर्ट जनरल मेनीफेस्ट (ईजीएम) सब्मिट हो जाएगा जिससे माल के पोर्ट पहुंचने तक ड्यूटी ड्रा बैक मिल जाएगा। इसका लाभ उनके कारोबार को भी होगा। इसके साथ ही कारोबारी को उसके माल के पोर्ट तक जाने में वह कहां-कहां पहुंच चुका है। इसकी जानकारी भी मिलती रहेगी। कब कस्टम क्लीयरेंस हुआ, कब रेल आउट हुआ और कब पोर्ट पर पहुंचा, ये सारी जानकारियों स्वचालित तरीके से उसके पास पहुंचेंगी। इसके लिए कस्टम के आइसीई गेट पर हर निर्यातक का पंजीयन भी होगा।
- इस योजना को 30 सितंबर से लागू किया जा रहा है। दो कंटेनर डिपो का पंजीयन हो चुका है। माल भेजने वाले को हर मुख्य प्वाइंट पर अपने कार्गो की लोकेशन मिलती रहेगी।- सीएन मिश्रा, उपायुक्त कस्टम।
- इससे बिजनेस को भी लाभ होगा। हर समय माल कहां पहुंचा इसके लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। साथ ही ड्यूटी ड्रा बैक भी आसान होगा। - प्रेम मनोहर गुप्ता, चेयरमैन, ट्रेड कमेटी, मर्चेंट चैंबर ऑफ उत्तर प्रदेश।