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गन्ने की खोई से लो कैलोरी स्वीटनर बनाएंगे एनएसआइ और सीएफटीआरआइ के विशेषज्ञ, एमओयू साइन

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) और मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान के बीच करार हुआ है। दोनों संस्थान गन्ने की खोई से लो कैलोरी स्वीटनर डाइटरी फाइबर व गुड़ बनाने और चीनी उद्योग को वर्ष भर चलाने की दिशा में काम करेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 08:57 AM (IST)
गन्ने की खोई से लो कैलोरी स्वीटनर बनाएंगे एनएसआइ और सीएफटीआरआइ के विशेषज्ञ, एमओयू साइन
चीनी उद्योग को नई दिशा देने की कवायद।

कानपुर, जागरण संवाददाता। चीनी उद्योग को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने के लिए अब राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) और मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआइ) के बीच करार हुआ। अब सीजन के बजाय चीनी उद्योग को वर्ष भर चलाने की दिशा में काम करने के साथ ही विशेषज्ञ - गन्ने की खोई से लो कैलोरी स्वीटनर, डाइटरी फाइबर व गुड़ बनाने पर काम करेंगे। इससे चीनी उद्योग को खासा फायदा होगा।

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राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन और सीएफटीआरआइ से निदेशक डा. श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। जनवरी 2022 से दोनों संस्थान मिलकर गन्ने की खोई से लो-कैलोरी स्वीटनर, डाइटरी फाइबर व केमिकल रहित अन्य पोषक तत्वों से युक्त गुड़ बनाने की दिशा में काम करेंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग व विभिन्न सेक्टरों की मांग के अनुसार चीनी की विशिष्ट गुणवत्ता के लिए और गन्ने के रस की पैकेङ्क्षजग के लिए तकनीक विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।

निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि समझौते के अनुसार दोनों संस्थान मिलकर विश्व चीनी उद्योग को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने के लिए गन्ने से वैकल्पिक मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने पर शोध करेंगे। चीनी उद्योग के सह उत्पादों से भी विभिन्न नवीन एवं पौष्टिक खाद्य उत्पाद बनाने पर कार्य किया जाएगा। शर्करा प्रौद्योगिकी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर काम करने से शर्करा उद्योग को एक 'एग्री बिजनेस कांप्लेक्सÓ में परिवर्तित करने का लक्ष्य हासिल करना आसान होगा। चीनी उद्योग को सीजन उद्योग के बजाय अब वर्ष भर चलने वाले उद्योग में भी परिवर्तित किया जा सकेगा।


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