ईओडब्ल्यू ने शुरू की पीयर्स इंडिया मामले की जांच, गवाहों के दोबारा दर्ज कराए जाएंगे बयान
निवेशकों के करोड़ों रुपये जमा कराकर बंद कर दी गई थीं कंपनी। पुलिस ने मुख्य आरोपित निदेशक समेत तीन को भेजा था जेल। बाद में उसके दो सहयोगी भी हत्थे चढ़े थे। इसके बाद पुलिस ने विवेचना ईओडब्ल्यू को स्थानांतरित कर दी थी।
कानपुर, जेएनएन। निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़प कर बंद हुई पीयर्स इंडिया कारपोरेशन कंपनी के निदेशकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुरू कर दी है। मुकदमे के वादी और गवाहों के दोबारा बयान लिए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों ने उन्हें नोटिस जारी कर बुलाया है।
ईओडब्ल्यू ने शुरू की विवेचना
चौबेपुर के भगवंतपुर गांव निवासी आलोक त्रिपाठी ने अपने भाई आशीष, चाचा विष्णुकांत समेत एक दर्जन लोगों के साथ मिलकर वर्ष 2009 में माल रोड पर तीन कंपनियां खोली थीं। पीयर्स इंडिया कारपोरेशन में रीयल एस्टेट के नाम पर और पीयर्स क्रेडिट व पीयर्स एलाइड कंपनियों में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर निवेशकों का पैसा लगवाया था। निवेशकों को लाने के लिए एजेंट भी नियुक्त किए थे और उन्हें 20 फीसद कमीशन देने का वादा किया था। इसके बाद वर्ष 2016 में निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर आरोपितों ने कंपनियां बंद कर दीं। परेशान एजेंटों ने हरबंश मोहाल थाने में तीन मुकदमे दर्ज कराए थे। पुलिस ने आलोक को पिछले साल जेल भेजा था। बाद में उसके दो सहयोगी भी हत्थे चढ़े थे।
इसके बाद पुलिस ने विवेचना ईओडब्ल्यू को स्थानांतरित कर दी थी। अब ईओडब्ल्यू ने विवेचना आगे शुरू की है। ईओडब्ल्यू के एसपी बाबूराम ने बताया कि मुकदमा लिखाने वालों के अलावा अब तक सामने आए गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। विवेचक लालता प्रसाद साहू ने गवाहों के बयान लेने के लिए नोटिस भेजे हैं। जिन आरोपितों के नाम सामने आएंगे, मुकदमे में बढ़ाए जाएंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।