सीएसए छात्रावास की छत पर छात्राओं का प्रवेश बंद
छात्रावास की छत से छात्रा के गिरने के बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) प्रशासन ने गृह विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित सरोजनी नायडू छात्रावास की छत बंद करा दी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : छात्रावास की छत से छात्रा के गिरने के बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) प्रशासन ने गृह विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित सरोजनी नायडू छात्रावास की छत बंद करा दी। दो मंजिला छात्रावास की छत पर अब छात्राएं नहीं जा सकेंगी। इसका तीन फीट का छज्जा भी ऊंचा कराने पर विचार किया जा रहा है।
बीएससी कम्युनिटी साइंस प्रथम वर्ष की छात्रा दिव्या कमल संदिग्ध हालात में छात्रावास की छत से गिर गई थी। इसमें रैगिंग के आरोप लगने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ तो वार्डन डॉ. मिथिलेश वर्मा ने गुरुवार को छत बंद करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व गृह विज्ञान महाविद्यालय परिसर के चारों छात्रावास में पहले छत के गेट बंद रहते थे। बिजली चली जाने पर ही छत का गेट खोला जाता था। लेकिन धीरे-धीरे यह गेट 24 घंटे खुलने लगे। खाना खाने के बाद छात्राएं छत पर टहलती थीं।
50 कमरों में रहती हैं छात्राएं :
सरोजनी नायडू छात्रावास में 50 कमरों में छात्राएं रहती हैं। इनमें 18 कमरे प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए है। एक कमरे में तीन छात्राएं रहती हैं।
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परिसर में सन्नाटा, शिक्षक-छात्राएं सहमे
घटना के बाद से परिसर में सन्नाटा पसरा है। शिक्षक और छात्राएं सहमे हैं। सभी यही कह रहे हैं कि उन्हें नहीं पता क्या हुआ है? (इनसेट) छात्रा के सिर का आपरेशन
घायल छात्रा की हालत अब भी चिंताजनक है। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में गुरुवार को छात्रा के सिर पर लगी चोट से जमे खून के थक्के का ऑपरेशन हो गया। उसके ब्रेन के बाएं भाग में गिरने से हुई क्लॉटिंग का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर लगातार निगरानी कर रहे हैं। छात्रा की कोहनी व कलाई में भी फ्रेक्चर है और सिर व चेहरे पर भी चोटें आई हैं।
छात्रा से परिवारीजन से मिले सांसद, दिलाया मदद का भरोसा
गुरुवार को सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने छात्रा के परिवारीजन से मिले। उन्होंने कहा कि इलाज में कोई कमी नहीं रहेगी। परिवारीजन की हर संभव सहायता करेंगे।
सिर हिलाकर पहचाना, हिम्मती और मिलनसार है छात्रा
ऑपरेशन के बाद छात्रावास वार्डन डॉ. मिथिलेश वर्मा ने छात्रा के गाल पर हाथ फेरकर पूछा कि अब कैसी हो तो उसने सिर हिलाकर उन्हें पहचाना। डॉ. वर्मा ने बताया कि छात्रा हिम्मती है। सहपाठियों के साथ शिक्षकों से भी मुस्कुराते हुए मिलती है। मिलनसार होने के कारण उसे सभी पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि एक बार उसे जब कपड़े फैलाने के लिए जगह नहीं मिली तो मेरे साथ मिलकर उसने एक डोरी बांधी। कहा कि यह डोरी लंबी है इसमें और छात्राओं के कपड़े भी फैलाए जा सकेंगे।