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शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से पुलिस ने मांगे दस्तावेज, कानपुर में खरीद फरोख्त मामला आया था सामने

चमनगंज निवासी एक डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मो. अहमद जमाल ने शत्रु संपत्ति की अवैध रूप से खरीद फरोख्त किए जाने का आरोप लगाते हुए बजरिया थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें संपत्ति की बिक्री करने और उसे खरीदने वाले सात लोगों को नामजद कराया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 08:24 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 08:24 AM (IST)
शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से पुलिस ने मांगे दस्तावेज, कानपुर में खरीद फरोख्त मामला आया था सामने
शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से संबंधित सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। कंघी मोहाल स्थित शत्रु संपत्ति की खरीद फरोख्त मामले में जांच कर रही बजरिया पुलिस ने लखनऊ स्थित शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से भी दस्तावेज मांगे हैं। इसमें शत्रु संपत्ति घोषित किए जाने से पहले कार्यालय की ओर से कराई गई जांच की रिपोर्ट भी शामिल है। दस्तावेजों के आने के बाद पुलिस विधिक राय लेगी।

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ये है पूरा मामला 

चमनगंज निवासी एक डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मो. अहमद जमाल ने शत्रु संपत्ति की अवैध रूप से खरीद फरोख्त किए जाने का आरोप लगाते हुए बजरिया थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें संपत्ति की बिक्री करने और उसे खरीदने वाले सात लोगों को नामजद कराया था। इसके बाद शत्रु संपत्ति संरक्षण समिति ने एडीएम वित्त एवं राजस्व से मिलकर कुछ और संपत्तियों पर भी अवैध रूप से कब्जा व निर्माण किए जाने की शिकायत करते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। बजरिया पुलिस ने कंघीमोहाल स्थित संपत्ति की खरीद फरोख्त से संबंधित दस्तावेज और पूर्व में इसी संपत्ति पर किरायेदार से हुए विवाद के बाद कोर्ट के फैसले संबंधी कागजात भी हासिल किए हैं। गुरुवार को पुलिस को पता लगा कि शत्रु संपत्ति घोषित होने से पहले गृह मंत्रालय के अधीन लखनऊ के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय की ओर से भी जांच की गई थी। वर्ष 2017 में आरोपित पक्ष ने अपना जवाब भी दाखिल किया था। इसके बाद क्या फैसला हुआ? इस बाबत कागजात नहीं मिले हैं।

इनका ये है कहना 

 थाना प्रभारी राममूर्ति यादव ने बताया कि आरोपित पक्ष ने संपत्ति को पुश्तैनी बताते हुए वर्ष 2016 में इसकी बिक्री की थी। इसके बाद संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था। लखनऊ से दस्तावेज आने के बाद विधिक राय लेकर आगे की कार्रवाई होगी।

जल्द शुरू होगी जांच

गृह मंत्रालय के निर्देश पर शत्रु संपत्ति मामले में शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय की टीम भी जांच करेगी और एक माह में रिपोर्ट सौंपेगी। जल्द ही टीम के शहर आने की उम्मीद है। शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति की सदस्य कैसर जहां की ओर से बेकनगंज स्थित बशीर एस्टेट पर भी कब्जे व अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया था। सूत्रों के मुताबिक अब मंत्रालय ने शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय को जांच के निर्देश दिए हैं। जल्द ही लखनऊ से टीम आकर नगर निगम व केडीए के दस्तावेजों को भी देखेगी। साथ ही निरीक्षण करके कब्जा व अवैध निर्माण संबंधी आरोपों की जांच करेगी। कंघी मोहाल स्थित संपत्ति का भी मुआयना किया जाएगा। शिकायतकर्ता के साथ ही संपत्ति में रहने वालों से भी पूछताछ की जा सकती है। साथ ही बजरिया में दर्ज मुकदमे में की जा रही कार्रवाई के बाबत भी जानकारी लेगी।


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