Kanpur Metro का ठेका दिलाने के नाम पर लाखों ठगे, पैसे मांगने पर आरोपित झूठे मुकदमे में फसानें की देता था धमकी
कानपुर मेट्रो में ठेका दिलाने के नाम पर व्यापारी से लाखों की ठगी हो गई। जब इस बात की भनक व्यापरी को लगी तो उसने आरोपित समेत उसकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। मेट्रो में ठेका दिलाने के नाम पर लोअर गंगा कैनाल के कर्मचारी ने व्यापारी से 55 लाख रुपये की धोखधड़ी की। व्यापारी को जब अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक से मामले की शिकायत की। जिसके बाद व्यापारी की शिकायत पर कैंट थाने में आरोपित कर्मचारी समेत उसकी पत्नी और बेटे पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया।
बाबूपुरवा के ट्रांसपोर्ट नगर निवासी ऋषिकेशव मिश्रा फर्नीचर कारोबारी है। उन्होंने बताया कि उनके एक मित्र के जरिए कुछ पूर्व उनकी मुलाकात सिंचाई विभाग अन्तर्गत लोअर गंगा कैनाल में चतुर्थ श्रेणी (बेलदार) के पद पर कार्यरत कर्मचारी रामनिवास से हुई थी। जो कैंट स्थित सिंचाई विभाग की कालोनी में परिवार के साथ रहता है। वह अपने बेटे कमलजीत के साथ सरकारी विभागों की ठेकेदारी का काम करता है।
फरवरी 2021 में रामनिवास ने अपनी पत्नी शशिकला देवी के नाम पर मैक्स इंडिया के नाम से एक फर्म बनाई। जिसके बाद उसने बताया कि उनकी कंपनी को कानपुर मेट्रो में ग्रेनाइड सप्लाई और फिक्सिंग का काम मिला है। जिसने कंपनी में निवेश के कर दोगुना लाभ की बात की। उनके मना करने पर आरोपित ने उक्त फर्म का पार्टनर बनकर काम करने की बात की। जिस पर वह राजी हो गए तो आरोपित ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें कंपनी का पार्टनर बना दिया।
आरोप है कि जिसके बाद आरोपित ने मार्च 2021 से अगस्त 2021 तक उनसे पत्नी के खाते में 55 लाख ट्रांसफर करवाए। इस बीच उन्हें पता चला कि आरोपित को मेट्रो द्वारा किए गए काम का भुगतान हो गया है। जिसके बाद उन्होंने जानकारी की तो पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। इतना ही नहीं आरोपित ने उनके अलावा कई अन्य लोगों से भी ठगी की है। जिसके बाद उन्होंने आरोपित से अपनी रकम वापस मांगी तो वह झूठे मुकमदें में फंसाने की धमकी देने लगा।
इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत कैंट एसीपी मृगांक शेखर पाठक से की। एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्जकर मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित द्वारा लगाये गए आरोप साबित होने पर आरोपितों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।