एनआरसी के भ्रम में रुका आर्थिक जनगणना सर्वे, जरूरी जानकारी देने से मना कर रहे लोग
शहर के यशोदा नगर और शिवराजपुर ब्लाक में सर्वे का काम रुका होने से कर्मचारी लौट रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) को लेकर भ्रम के चलते यशोदा नगर में आर्थिक जनगणना सर्वे में जानकारी देने से लोग इनकार कर रहे हैं और सर्वे कर्मियों को लौट रहे हैं। इसके पहले भी शिवराजपुर ब्लाक में कई जगह सर्वे काम रुका पड़ा है। ऐसे में आर्थिक जनगणना सर्वे 31 मार्च 2020 तक पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
आर्थिक जनगणना के सर्वे के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को लगाया गया है। जिले में सर्वे के लिए 32 सौ कार्यकर्ताओं की टीम लगाई गई है। 26 दिसंबर 2019 से प्रदेश में आर्थिक गणना की शुरुआत हुई है। जिले में 11 लाख मकानों का सर्वे होना है। इन भवनों में रहने वालों से आर्थिक गणना के डाटा एकत्र करने है। पहली बार डिजिटल गणना हो रही है।
शिवराजपुर में फरवरी माह में सर्वे करने गई टीम को लोगों ने डाटा देने से मना कर दिया और लौटा दिया। क्षेत्रीय लोगों ने साफ कहा कि वह कोई जानकारी नहीं देंगे तब से क्षेत्र का सर्वे रुका पड़ा है। मामला आला अफसरों तक पहुंच चुका है।
इसी कड़ी में दो दिन पहले यशोदा नगर में कई ब्लाक में लोगों ने जानकारी देने से मना कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि कोई डाटा नहीं बताएंगे। इस बारे में कोई जानकारी लेने न आए। क्षेत्रीय लोगों के गुस्से के चलते कर्मचारी लौट आए।
23 दिन 9 लाख मकान कैसे होगा पूरा सर्वे
सर्वे पूरा करने के लिए 31 मार्च 2020 तक का समय तय किया गया है। अभी तक दो लाख ही मकानों का सर्वे हो पाया है। ऐसे में बचे नौ लाख मकानों का सर्वे 23 दिन में करना है, लेकिन पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।