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    सूख रही धरती, घट रहा भूजल

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 06 Mar 2018 01:40 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, कानपुर : भूगर्भ जल के अति दोहन से जलस्तर तेजी से गिर रहा है, जो खतरे का स ...और पढ़ें

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    सूख रही धरती, घट रहा भूजल

    जागरण संवाददाता, कानपुर : भूगर्भ जल के अति दोहन से जलस्तर तेजी से गिर रहा है, जो खतरे का संकेत है। अभी यह हाल है तो भीषण गर्मी में इसकी भयावह स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। महानगर के कई क्षेत्रों की स्थिति गंभीर हो गई है। हर साल पानी के स्तर में लगातार गिरावट आती जा रही है। अच्छी बारिश के बावजूद भूजल रिचार्ज नहीं हो पा रहा है। अधिकतर बरसात का पानी नालियों के रास्ते सीवर में बहा जा रहा है। कानपुर मंडल में इस साल जलस्तर में औसतन 65 सेंटीमीटर की कमी आई है।

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    भूगर्भ जल विभाग के प्री मानसून और पोस्ट मानसून डाटा चौंकाने वाला है। वर्ष 2000 में प्रदेश में भूजल दोहन की दर 54.31 फीसद थी। यह 2009 में बढ़कर 72.16, 2011 में 73.65 और 2013 में 73.78 फीसद हो गई। 2013 के आंकड़ों के मुताबिक 630 शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 5200 मिलियन लीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 7800 मिलियन लीटर भूगर्भ जल को इस्तेमाल में लिया गया। नतीजा है कि 113 विकासखंड अतिदोहित, 59 क्रिटिकल और 45 सेमी क्रिटिकल श्रेणी में आ गए हैं।

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    यहां स्थिति हुई गंभीर

    नौबस्ता के चित्रा डिग्री कालेज, दीनदयाल नगर, पहाड़पुर, कल्याणपुर, घाटमपुर, शिवराजपुर, सरसौल, किदवई नगर क्षेत्र में स्थिति गंभीर है। इन क्षेत्रों में लगे पिजोमीटर से लिए गए आंकड़े बताते हैं कि जलस्तर गिरा है।

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    प्री मानसून, पोस्ट मानसून की स्थिति

    2016 2017

    क्षेत्र प्री पोस्ट प्री पोस्ट

    1 आइआइपीआर 19.65 20.30 21.75 21.65

    2 आइआइटी 11.80 11.90 12.80 1300

    3 रतनपुर पनकी 7.40 7.55 8.15 8.30

    4 यूपीएसआइडीसी कालपी 28.33 28.81 29.50 30.05

    5 संजय वन किदवई नगर 24.15 25.60 26.50 26.70

    6 चाचा नेहरू अस्पताल 27.35 28.05 28.55 28.60

    7 फजलगंज थाना 30.08 30.40

    31.00 31.20

    8 कमिश्नर आवास 27.67 27.65

    27.75 27.90

    9 बाबूपुरवा थाना 30.15 30.95 31.30 31.42

    10 चित्रा डिग्री कालेज 13.35 13.60

    14.10 14.15

    11 रतनलाल नगर 29.95 30.55 30.85 30.95

    12 सिविल लाइंस 24.37 24.72 24.00 24.14

    13 एनएसआइ 17.80 18.30 19.00 19.10

    14 पराग डेयरी 29.76 30.35 31.15 31.05

    (प्री और पोस्ट मानसून की मात्रा मीटर में है।)

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    'पानी के अत्याधिक दोहन से लगातार भूजल कम होता जा रहा है। पीने योग्य पानी की उपलब्धता घटती जा रही है। इसको लेकर जागरूक होना पड़ेगा। नहीं तो गर्मी में स्थिति और भी अधिक विकराल हो सकती है।'

    - अवधेश कुमार, नोडल अफसर, भूगर्भ जल विभाग

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    गंगा जल चार सौ मीटर दूर से खींचना पड़ रहा

    जलकल भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से रोज बीस करोड़ लीटर कच्चा पानी खींचता है। गर्मी की दस्तक के साथ ही गंगा का जलस्तर तेजी से गिरने लगा है। 356.8 फीट गंगा का जलस्तर पहुंच गया है। जलकल को चार सौ मीटर दूर पर ड्रेजिंग मशीन लगाकर कच्चा पानी खींचना पड़ रहा है। इसको लेकर रोज ड्रेजिंग मशीन में दस हजार रुपये से ज्यादा धनराशि खर्च हो रही है। जल में कालापन भी अधिक है, इसको ट्रीट करने में दोगुना रसायन खर्च करना पड़ रहा है। जल संकट को देखते हुए जलकल विभाग 15 लाख रुपये से भैरोघाट पंपिंग स्टेशन पर चार सौ मीटर अस्थायी बंधा बनाने जा रहा है ताकि गर्मी तक पानी पंपिंग स्टेशन की तरफ आता रहे।

    संसाधन से नहीं दे पा रहे पूरा पानी

    जलकल विभाग के पास 66.8 करोड़ लीटर पानी देने के संसाधन हैं। इसके मुकाबले शहर की जरूरत 55 करोड़ लीटर है, लेकिन 40.3 करोड़ लीटर जलापूर्ति ही संभव हो पाती है। इसी कारण बड़ी संख्या में लोगों ने सबमर्सिबल और हैंडपंप लगा रखे हैं। बढ़ते भूगर्भ जल दोहन से जमीन के नीचे पानी का स्तरऔर नीचे गिर रहा है। एक दर्जन इलाकों में औसतन हर साल 45 से 50 सेमी तक जलस्तर गिर जाता है। कई मोहल्लों में पीने का साफ पानी लेने के लिए लोगों को 250 फीट गहराई में बो¨रग करानी पड़ रही है। जिनकी बो¨रग इससे कम है, उनके पंप पानी नहीं खींच पा रहे हैं। इस समस्या के कारण ही पांच हजार सरकारी हैंडपंप रीबोर के लिए पड़े हैं।

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    जलापूर्ति की स्थिति (रोज की स्थिति)

    भैरोघाट पंपिंग स्टेशन

    क्षमता- 20 करोड़ लीटर

    मिलता पानी - 20 करोड़ लीटर

    लोअर गंगा कैनाल

    क्षमता - 10 करोड़ लीटर

    मिलता - 5 करोड़ लीटर

    गुजैनी वाटर व‌र्क्स

    क्षमता - 2.8 करोड़ लीटर

    मिल रहा -1.8 करोड लीटर

    बैराज में स्थित पुराने ट्रीटमेंट प्लांट से

    क्षमता - 20 करोड़ लीटर

    मिल रहा - 3.5 करोड़ लीटर

    नलकूप से

    क्षमता - 12 करोड़ लीटर

    मिल रहा -10 करोड़ लीटर

    कुल क्षमता - 66.8 करोड़ लीटर

    कुल मिल रहा 40.3 करोड़ लीटर

    जल दोहन किससे कितना

    -सरकारी हैंडपंप- 11898

    - इनमें खराब पड़े - 5000

    - पानी खींचते - 4 करोड़ लीटर

    - सरकारी नलकूप- 165

    - पानी खींचते- 8 करोड़ लीटर

    -निजी सबमर्सिबल - 2.5 लाख

    - पानी खींचते - 30 करोड़ लीटर

    - निजी हैंडपंप - 15000

    - पानी खींचते - 10 करोड़ लीटर