DCI ने खांसी-जुकाम के सीरप की बिक्री पर लगाया बैन, जम्मू कश्मीर में हुई थी 3 बच्चों की मौत
यूपी हिमाचल प्रदेश जम्मू-कश्मीर हरियाणा उत्तराखंड मेघालय त्रिपुरा त्रिचिरापल्ली राज्यों में कोल्ड बेस्ट पीसी सीरप की आपूर्ति हो रही है।
कानपुर, जेएनएन। खांसी जुकाम के कोल्ड बेस्ट पीसी सीरप पीने से जनवरी में कुछ बच्चों की मौत का मामला सामने आने से खलबली मच गई। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (डीसीआइ) ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इस सीरप के उत्पादन में रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया। साथ ही जहां-जहां आपूर्ति की गई है, वहां बिक्री पर रोक और नमूने की जांच कराकर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है।
हिमांचल प्रदेश की कंपनी बनाती है सीरप
कानपुर के औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या ने बताया कि हिमांचल प्रदेश के कालाअंब स्थित मेसर्स डिजिटल विजन दवा कंपनी कोल्ड बेस्ट पीसी ब्रांडनेम से कफ सीरप बनाती है। बताया जा रहा है कि सीरप के सेवन से जम्मू-कश्मीर में 33 बच्चों की मौत हो गई। हालांकि बच्चों की मौत की वजह जानने के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ में रिसर्च चल रही है। कंपनी ने जहां-जहां आपूर्ति की वहां रोक लगाने और नमूने की जांच कराने के आदेश डीसीआइ ने राज्य औषधि नियंत्रक को दिया है।
स्टॉकिस्ट और गोदामों पर छापा
औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या के मुताबिक रविवार को आदेश मिलने पर आजाद नगर में कंपनी के मंगलम फार्मास्युटिकल स्टाकिस्ट के दुकान और गोदाम में छापा मारकर जांच की गई। यहां 40-40 शीशियों की दो खेप मंगाई गई, जिसमें से 43 शीशियां कानपुर देहात और कन्नौज भेजी गईं थीं। वहां पता कराया तो दवा खत्म हो चुकी थी। कानपुर देहात में एक व्यक्ति दो शीशी लेकर गया है, उसे सेवन करने से रोकते हुए वापस मंगाई है। स्टाकिस्ट के गोदाम में 37 शीशी मिलीं हैं, उनमें से 25 को सील कर दिया है। 12 शीशी के नमूने जांच के लिए लखनऊ की लैब भेजा है और शासन को भी अवगत करा दिया है।
किसी को कोई समस्या नहीं
औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या के मुताबिक प्रथम दृष्टया अबतक शहर व आसपास जहां-जहां सीरप का बच्चों ने सेवन किया है, वहां से किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली है। सीरप की खपत देहात और कन्नौज जिले में हुई है। शहरी क्षेत्र में सीरप की एक भी शीशी नहीं बिकी है, इसलिए यहां कोई परेशानी की भी बात नहीं है।
इन राज्यों में आपूर्ति
जानकारी के अनुसार कोल्ड बेस्ट पीसी सीरप की आपूर्ति हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, मेघालय, त्रिपुरा, त्रिचिरापल्ली और उत्तर प्रदेश के कानपुर और गाजियाबाद में होती है।