सूख गए स्कूल के ताले में बंद पौधे
पौधरोपण में हुई भारी गड़बड़ी के बाद सत्यापन कराने के नाम पर अधिकारियों ने अभी तक कुछ नहीं किया। उस जगह की जांच तक नहीं हुई, जहां संबंधित विभागों ने पौधरोपण करने का दावा किया है।
जेएनएन, कानपुर: पौधरोपण में हुई भारी गड़बड़ी के बाद सत्यापन कराने के नाम पर अधिकारियों ने अभी तक कुछ नहीं किया। उस जगह की जांच तक नहीं हुई, जहां संबंधित विभागों ने पौधरोपण करने का दावा किया है। अफसरों की अनदेखी का ही परिणाम है कि जाजपुर गांव के प्राथमिक स्कूल के एक कमरे में 500 से अधिक पौधों को ताले में बंद कर दिया गया और ये पौधे सूख गए।
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ब्लॉक से हटवाए 10 हजार से अधिक पौधे
डीपीआरओ ने घाटमपुर ब्लॉक में डंप 10 हजार से अधिक पौधों को मंगलवार की भोर में तीन दर्जन मजदूरों के जरिए लोडर पर लादकर बरीपाल गांव में एक व्यक्ति के हाते में रखवा दिया। जागरण को भनक लगने की सूचना पर वहां से भी पौधों को अन्यत्र रखवा दिया गया। इसके अलावा ब्लॉक परिसर में झाड़ू तक लगवा दिया गया ताकि सूखी पत्तियां तक न दिखाई दें। इसी तरह सरसौल ब्लॉक और भीतरगांव सीएचसी में फेंके गए पौधों को भी वहां से हटा दिया गया। बिल्हौर ब्लॉक में रखे हजारों पौधों को प्रधानों के यहां जबरदस्ती भेज दिया गया।
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तो खुल जाती गड़बड़ी
जहां भी पौधे लगाए जाने हैं, उस स्थल की जियो टैगिंग होनी है ताकि गूगल पर सर्च कर यह देखा जा सके कि वहां पौधे लगे हैं या नहीं। शासन के आदेश के बाद भी जियो टैगिंग नहीं की गई है। पौधरोपण की फोटो खींचकर वन विभाग के एप पर अपलोड करने का काम भी नहीं किया गया। अगर, यह कार्य किया जाता तो गड़बड़ी की पोल खुल जाती।
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बेनकाब होंगे कई चेहरे
15 अगस्त को नौ करोड़ पौधे पूरे प्रदेश में लगाने का लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था। ऐसे में उन्हें रिपोर्ट भेजने से पहले अफसरों को यह देखना चाहिए था कि पौधे लगे भी या नहीं। लेकिन, अफसरों ने इसे देखना भी मुनासिब नहीं समझा। अब खेल उजागर हो गया है तो भी स्थलीय सत्यापन की जहमत नहीं उठाई जा रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि सत्यापन होगा तो प्रधान, बीडीओ, एडीओ, पंचायत सचिव नपेंगे ही और उनके साथ कई आला अफसरों के चेहरे भी बेनकाब होंगे व उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।