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अपनी बला टालने को सिर्फ टेनरियों की घेराबंदी में रहे अफसर, गंगा में गिर रहे नाले

दैनिक जागरण ने कई बार खोली पोल, इसके बाद भी लापरवाही पर आंख मूंदे रहे जिम्मेदार।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 01:43 AM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 10:32 AM (IST)
अपनी बला टालने को सिर्फ टेनरियों की घेराबंदी में रहे अफसर, गंगा
में गिर रहे नाले
अपनी बला टालने को सिर्फ टेनरियों की घेराबंदी में रहे अफसर, गंगा में गिर रहे नाले

कानपुर (जागरण स्पेशल)। पावन गंगा को नाले की शक्ल तक पहुंचाने के लिए जल निगम बड़ा गुनहगार है। गंगा स्वच्छता के लिए अब तक जितनी योजनाएं चलाई गई, सभी इसी विभाग की लापरवाही की वजह से सफल नहीं हुई। हद तो यह है कि सरकार की प्राथमिकता के बावजूद सीसामऊ नाला तक गंगा में जाने से अब तक विभाग नहीं रोक सका है।

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गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार काफी गंभीर है। सरकार के साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दो टूक कह दिया है कि गंगा में कोई भी नाला सीधा नहीं गिरना चाहिए। गंगा को सबसे ज्यादा प्रदूषित करने का कलंक भी कानपुर पर ही है। इसके बावजूद जल निगम के अधिकारी जिम्मेदारी से अपना काम नहीं कर सके। सीवेज-ड्रेनेज सिस्टम खराब है। नाले गंगा में गिरते रहे। मगर, जब भी सवाल उठा कि गंगा में इतना प्रदूषण कैसे है? तो इन अधिकारियों ने कागजी रिपोर्ट पेश कर-कर सिर्फ टेनरियों को ही दोषी ठहराया। इनकी लापरवाही की वजह से जाजमऊ सीईटीपी अब तक चालू नहीं हो सका और एनजीटी के आदेश पर टेनरियों को बंद कर दिया गया, जिससे उद्यमियों को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। यही वजह है कि उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम को दोषी मानते हुए जुर्माना लगाने के साथ ही विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की इजाजत सरकार से मांगी है।

ये भी रहीं खामियां

- समय सीमा खत्म होने के बाद भी सीसामऊ नाला बंद नहीं हो पाया है।

- गंगा में लगातार सीवर का गंदा पानी गिर रहा है।

- मुख्यमंत्री 15 दिसंबर से सभी नाले बंद करने को कह चुके हैं, लेकिन काम की गति बहुत धीमी है।

- सीवेज सफाई सही नहीं हुई और जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से निगरानी भी नहीं की।

-सीवर सफाई पूरी हो जाती तो पानी शोधन के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जाजमऊ तक पहुंच जाता।

-सीसामऊ नाले से गंगा में रोज गिरता 13.6 करोड़ लीटर दूषित पानी।

- 31 अक्टूबर थी नाला बंद करने की समय सीमा। एक नवंबर को टी प्वाइंट ज्वाइंट खुलने से लीकेज शुरू हो गया।

- पांच नवंबर को ज्वाइंट ठीक कर लाइन शुरू की गई तो पाइप फटने से काम रुक गया था।

-12 नवंबर को दोनों पंप चालू किए गए तो सिविल लाइंस में रुक गया पानी। अब कचहरी रोड पर पाइप लाइन में चार मीटर का गैप मिल गया। इसकी वजह से म्योर मिल नाले के सहारे गंदगी गंगा में जा रही है।


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