विदेशी छात्रों में संस्कृत का ज्ञान भर रहीं डॉ. शिवा
2014 से आनलाइन पढ़ा रहीं पब्लिक काउंसलर डॉ. शिवा, शहर के किसी स्कूल में मौका न मिलने पर लिया फैसला
जागरण संवाददाता, कानपुर: भले ही देश में संस्कृत सीखने, पढ़ने और समझने को लेकर छात्र-छात्राओं के बीच खासा उत्साह देखने को न मिलता हो पर विदेशों में बैठे छात्र-छात्राओं का इस भाषा से लगाव है। वह संस्कृत सीखकर कुछ बेहतर काम कर सकें, इसके लिए हमेशा उत्साहित रहते हैं। श्याम नगर निवासी पब्लिक काउंसलर डॉ. शिवा मिश्रा यूरोप, चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी समेत अन्य देशों के ऐसे सैकड़ों छात्र-छात्राओं को आनलाइन संस्कृत सिखा रही हैं। डॉ. शिवा ने 2014 से इस काम की शुरुआत इसलिए की, क्योंकि शहर में उन्होंने काफी समय तक स्कूलों में ¨हदी व संस्कृत का शिक्षक बनने का प्रयास किया पर उन्हें किसी ने मौका नहीं दिया। 1999 से 2009 तक वाराणसी में डॉ. शिवा ने इंटरनेशनल स्कूल (निजी) में बतौर शिक्षिका काम किया। इसके बाद वह बेंगलुरु चलीं गईं, वहां उन्हें अच्छे खासे सेलरी पैकेज पर लैंग्वेज कोआर्डिनेटर की नौकरी मिल गई। मगर, 2014 में उन्हें पारिवारिक कारणों से शहर की ओर रुख करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने खुद ही आनलाइन कक्षाओं की शुरुआत कर दी। जैसे-जैसे समय बीता, वैसे-वैसे उनसे जुड़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ती गई। मौजूदा समय में विदेशों में सैकड़ों ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जो उनसे संस्कृत व ¨हदी सीखते हैं।
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योग व ध्यान की कक्षाएं भी शुरू: स्त्रह्म.ठ्ठड्डद्यद्बठ्ठद्बश्रठ्ठद्यद्बठ्ठद्गष्द्यड्डह्यह्यद्गह्य.ष्श्रद्व वेबसाइट के माध्यम से डॉ. शिवा छात्र-छात्राओं को आनलाइन पढ़ाती हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने योगा व ध्यान की कक्षाएं भी शुरू की हैं। जिसमें विदेशी छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर रुचि लेते हैं।
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सक्षम संस्था में भी निभा रहीं जिम्मेदारी : दिव्यांगों के लिए मददगार संस्था सक्षम के लिए भी डॉ. शिवा काम कर रही हैं। वह संस्था में विभाग संयोजिका हैं। समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर अपनी भूमिका का निर्वाहन करती हैं।