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Twins Murder Case Chitrakoot: सतना के न्यायिक इतिहास का पहला फैसला, अंतिम सांस तक रहेंगे जेल में रहेंगे जुड़वा भाइयों के हत्यारे

विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) गंगा प्रसाद यादव कहते हैैं कि अक्सर आजीवन कारावास के अपराधियों को एक उम्र के बाद अच्छे चाल चलन या सरकार की नीति पर राष्ट्रीय पर्व में जेल से रिहा कर दिया जाता है लेकिन इन हत्यारों को इसका भी लाभ नहीं मिलेगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 11:22 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:22 PM (IST)
Twins Murder Case Chitrakoot: सतना के न्यायिक इतिहास का पहला फैसला, अंतिम सांस तक रहेंगे जेल में रहेंगे जुड़वा भाइयों के हत्यारे
कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की प्रतीकात्मक फोटो।

चित्रकूट, जेएनएन। जुड़वा भाइयों प्रियांश और श्रेयांश के अपहरण व हत्याकांड के ऐतिहासिक फैसले से हत्यारे अंतिम सांस तक जेल में रहेंगे। अलग-अलग उम्रकैद भुगतने के आदेश से एक सजा खत्म होने पर दूसरी शुरू हो जाएगी। जानकारों के मुताबिक, सतना के न्यायिक इतिहास में ऐसा फैसला पहली बार आया है, जो एंटी डकैती स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रदीप सिंह कुशवाह ने सुनाया।  

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कानून विशेषज्ञों के अनुसार, कोर्ट ने दोनों मासूमों के अपहरण व हत्या को एक अपराध नहीं माना है। इसीलिए पांचों हत्यारों को आजीवन कारावास की 16 अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं। तीन को कुल चार-चार उम्रकैद की सजा व दो को दो-दो उम्रकैद हुई हैं। 

विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) गंगा प्रसाद यादव कहते हैैं कि अक्सर आजीवन कारावास के अपराधियों को एक उम्र के बाद अच्छे चाल चलन या सरकार की नीति पर राष्ट्रीय पर्व में जेल से रिहा कर दिया जाता है, लेकिन इन हत्यारों को इसका भी लाभ नहीं मिलेगा। यदि कोई ऐसी स्थिति बनती है तो भी ये जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। दूसरे आजीवन कारावास की सजा शुरू हो जाएगी। कुल मिलाकर जघन्य अपराध के लिए पूरी जिंदगी जेल में ही काटनी पड़ेगी। 

अपराधी और आइपीसी की धाराओं के हिसाब से उनको मिली सजा:

  • 24 वर्षीय पदमकांत शुक्ला पुत्र रामकरण निवासी चित्रकूट

धारा 148 : तीन वर्ष कैद पांच हजार जुर्माना

 धारा 364ए/149 : आजीवन कारावास 50 हजार जुर्माना

 धारा 344/149 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 328/149 : पांच वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 302/34 : आजीवन कारावास व एक लाख जुर्माना 

धारा 201 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना 

  • 23 वर्षीय राजू द्विवेदी पुत्र राकेश निवासी भभुआ, बांदा

धारा 148 : तीन वर्ष कैद पांच हजार जुर्माना

धारा 364ए/149 : आजीवन कारावास 50 हजार जुर्माना

धारा 344/149 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 328/149 : पांच वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 302/34 : आजीवन कारावास व एक लाख जुर्माना 

धारा 201 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

25/27 आयुध अधिनियम : तीन वर्ष कैद व एक हजार जुर्माना 

  • 21 वर्षीय आलोक उर्फ लकी तोमर पुत्र सतेंद्र निवासी तेंदुरा, बांदा

धारा 148 : तीन वर्ष कैद पांच हजार जुर्माना

धारा 364ए/149 : आजीवन कारावास व 50 हजार जुर्माना

धारा 344/149 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 328/149 : पांच वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 302/34 : आजीवन कारावास व एक लाख जुर्माना 

धारा 201 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

  • 20 वर्षीय विक्रम जीत सिंह पुत्र प्रहलाद निवासी, जमुई, बिहार

धारा 147 : तीन वर्ष कैद पांच हजार जुर्माना

धारा 364ए/149 : आजीवन कारावास व 50 हजार जुर्माना (दोहरा)

धारा 344/149 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 328/149 : पांच वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

  • 26 वर्षीय अपूर्व उर्फ पिंटा यादव पुत्र रामनरेश निवासी मौदहा, हमीरपुर 

धारा 147 : तीन वर्ष कैद पांच हजार जुर्माना

धारा 364ए/149 : आजीवन कारावास व 50 हजार जुर्माना (दोहरा)

धारा 344/149 : तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना

धारा 328/149 : पांच वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना  


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