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खत्म होगी कालाबाजारी, सीधे गोदाम से कोटेदार की दुकान तक पहुंचेगा राशन Kanpur News

प्रदेश में सात वर्ष बाद धरातल पर उतरेगी डोर स्टेप डिलीवरी 15 जुलाई तक 50 फीसद काम पूरा करने का निर्देश।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 12:39 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 09:49 AM (IST)
खत्म होगी कालाबाजारी, सीधे गोदाम से कोटेदार की दुकान तक पहुंचेगा राशन Kanpur News
खत्म होगी कालाबाजारी, सीधे गोदाम से कोटेदार की दुकान तक पहुंचेगा राशन Kanpur News

कानपुर, [आलोक शर्मा]। प्रदेश में शुरू हुई डोर स्टेप डिलीवरी की कवायद सात वर्ष बाद अब अगस्त माह में धरातल पर उतरेगी। शासन की सख्ती के बाद जिम्मेदार अधिकारियों को काम पूरा करने की समय सीमा दी गई है। 15 जुलाई तक 50 फीसद काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल इस योजना के कड़े प्रावधान ही इसके लागू होने में बाधा बने हुए थे। शासन ने इन प्रावधानों को और लचीला बना दिया। जिसके बाद अफसरों ने भी कमर कस ली है और टेंडर प्रक्रिया के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।

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क्या है डोर स्टेप डिलीवरी

राशन की कालाबाजारी व गोदामों में कोटेदारों की लगने वाली भारी भीड़ को खत्म करने के लिए जुलाई 2012 में डोर स्टेप डिलीवरी का शासनादेश जारी किया गया था। इसमे लक्षित सार्वजनिक वितरण का खाद्यान्न ब्लाक गोदाम से कोटेदारों को सीधे उनकी दुकान पर पहुंचाया जाना था। इसमें आने वाला खर्च सरकार को वहन करना था। योजना के तहत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डीएसओ, आरटीओ व एफसीआई के अधिकारियों की एक समिति बननी थी। एक वर्ष के लिए परिवहन का टेंडर होना था। हालांकि किराया कम होने से तत्कालीन डिप्टी आरएमओ आरबी पांडेय ने टेंडर मांगे लेकिन एक भी टेंडर नहीं आया।

एनएफएसए लागू होने के बाद तेज हुए प्रयास

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना जनवरी 2016 में लागू हुई जिसमें डोर स्टेप डिलीवरी को लागू करने के प्रयास तेज हुए। हालांकि तब से अब तक कई बार टेंडर मांगे गए लेकिन टेंडर नहीं आए।

लचीले किए गए प्रावधान

-टेंडर डालने वाले के पास दो ट्रक होना आवश्यक था अब एक ट्रक या टै्रक्टर जरुरी है। आवेदक तीन अन्य छोटे वाहन दूसरों के लगा सकता है।

-राशन वितरण का अनुभव जरुरी था जिसे अब खत्म कर दिया गया है। चूंकि प्रदेश में यह व्यवस्था नहीं थी जिससे अनुभवी ऑपरेटर मिलना मुश्किल था।

-दस लाख रुपये हैसियत को कम करके पांच लाख रुपये हैसियत का प्रमाण पत्र कर दिया गया है।

-दस किमी से कम पर 18 रुपये और इससे अधिक दूरी पर 21 रुपये किराया तय था। अधिक दूरी के लिए जिलाधिकारी की सहमति से अब किराया बढ़ाया जा सकेगा।

अफसरों का ये है कहना

फूड कमिश्नर ने 15 जुलाई तक 50 फीसद कम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। माह के अंत तक डोर स्टेप डिलीवरी के लिए टेंडर लेकर अगस्त में इसे शुरू करना विभाग की प्राथमिकता में है।

-संतोष कुमार यादव, डिप्टी आरएमओ

प्रावधानों को काफी लचीला कर दिया गया है। जिसके बाद कई ऑपरेटर टेंडर डालने को भी तैयार हैं। अगस्त में इसकी शुरुआत करने के शासन के स्पष्ट निर्देश हैं।

-अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, जिलापूर्ति अधिकारी 


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