सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिली दुत्कार, घायल का प्राइवेट हॉस्पिटल में कराया उपचार Kanpur News
कानपुर के जिला अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है।
कानपुर, जेएनएन। उर्सला अस्पताल में डॉक्टरों एवं कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है। रविवार सुबह घायल का इलाज करने के बजाए डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। मरीज के परिजनों ने जिलाधिकारी (डीएम) आवास जाकर शिकायत की। इसके बाद मजबूर परिजन दर्द से बेहाल घायल को नर्सिंग होम लेकर चले गए।
काकादेव एम ब्लॉक कच्ची बस्ती निवासी पवन कुमार शनिवार देर रात घायल हो गए थे। उनके सिर, जबड़े और आंख में गंभीर चोटें आई थीं। रविवार सुबह आठ बजे उसके चाचा कारेलाल एवं मां इलाज के लिए उर्सला अस्पताल ले गए थे। घायल के चाचा कारेलाल ने बताया कि उर्सला इमरजेंसी में ड्यूटी पर डॉ. सुनील उत्तम एवं फार्मासिस्ट दिलीप मिश्रा थे। उनका आरोप है कि डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। लगभग एक घंटे तक वहां इंतजार करते रहे। उसे भर्ती करने के बजाए दुत्कार कर भगा दिया।
काफी देर तक इंतजार करने के बाद डीएम आवास पर शिकायत करने गए। यहां मौजूद कर्मचारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को फोन मिलाया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। उर्सला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुन्ना लाल विश्वकर्मा से मिलने के लिए कहकर भेज दिया। रविवार की वजह से वह भी अस्पताल में नहीं मिले। दर्द से बेहाल पवन को परिजन आवास विकास स्थित नर्सिंग होम लेकर चले गए।
ये बोले जिम्मेदार
- सिर पर चोट का मरीज आया था। यहां न्यूरो सर्जन नहीं हैं, इसलिए भर्ती नहीं किया। -डॉ. सुनील उत्तम, उर्सला अस्पताल।
- ऐसे शिकायतें अक्सर मिलती हैं। जिलाधिकारी की सख्ती के बावजूद सुधार नहीं हो रहा है। इसकी लिखित शिकायत मिलने पर जांच कराएंगे। -डॉ. शैलेंद्र तिवारी, कार्यवाहक निदेशक, उर्सला अस्पताल।
- शिकायत मिली थी, मरीज के परिजनों को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से मिलने के लिए कहा था। इसके बाद परिजनों ने मुझे कोई जानकारी नहीं दी। -डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ
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