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डॉक्टर बता पाएंगे कोमा से कब बाहर आएगा मरीज

चिकित्सा विज्ञान में अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे यह बताया जा सके कि मरीज कोमा से बाहर कब आएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 01:32 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:18 AM (IST)
डॉक्टर बता पाएंगे कोमा से कब बाहर आएगा मरीज
डॉक्टर बता पाएंगे कोमा से कब बाहर आएगा मरीज

ऋषि दीक्षित, कानपुर

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चिकित्सा विज्ञान में अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे यह बताया जा सके कि मरीज कोमा से बाहर कब आएगा। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र गुप्ता ने शोध के जरिए इसका अनुमान लगाने में 60 फीसद सफलता हासिल की है।

सड़क हादसे या अन्य कारणों से सिर पर चोट लगने से मरीज कोमा में चले जाते हैं। सीटी स्कैन जांच में चोट की गंभीरता का पता नहीं चलता। ऐसे में डॉ. राघवेंद्र गुप्ता ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स, दिल्ली) एवं ग्वालियर मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के विशेषज्ञों के साथ दो साल तक कोमा में गए दो सौ मरीजों का अध्ययन किया। एमआरआइ कराकर ग्रेडिंग निर्धारित की और अनुमान लगाया गया कि मरीज कोमा से कब बाहर आएगा। 60 फीसद केस में आकलन सही साबित हुआ।

हेड इंजरी में एमआरआइ जांच ही कारगर

डॉ.गुप्ता ने बताया कि पहले सभी मरीजों की सीटी स्कैन जांच कराई गई। इसमें सब सामान्य दिखा। इसके बाद जब एमआरआइ जांच कराई तो सामने आया कि चालीस फीसद मरीजों के ब्रेन में गंभीर चोट है। वहीं 60 फीसद मरीजों के अंदरुनी हिस्सों में चोट मिली। कई मरीजों के तो सॉफ्ट टिश्यू तक प्रभावित थे, छोटे-छोटे हिस्सों के खून के थक्के जम गए थे।

तीन स्तर पर तय की ग्रेडिंग

गहरे हिस्से में चोट के मरीज को ग्रेड-1 श्रेणी में रखा गया। ग्रेड-दो में वे मरीज शामिल किए गए, जिनके ब्रेन के कॉरपस कैलोशम में खून के थक्के व चोटें थीं। ग्रेड-3 की श्रेणी में नाजुक मरीज रखे, जिनके ब्रेन स्टेम में चोट थीं।

ऐसे किया दावा

विशेषज्ञों ने दावा कि ग्रेड-1 के मरीज एक माह में, ग्रेड-2 के तीन माह और ग्रेड-3 के मरीज छह माह में कोमा से बाहर आएंगे। ये भी दावा किया कि ग्रेड-दो के मरीजों में छह माह तक याददाश्त और ग्रेड -तीन के मरीजों में एक साल तक चलने-फिरने की समस्या रहेगी। दो वर्र्षो तक अध्ययन के दौरान मरीजों के ब्रेन में लगी चोट के हिसाब से ग्रेडिंग की गई। इसी के अनुसार कोमा से बाहर आने का समय निर्धारित किया गया। 60 फीसद मरीजों पर आकलन सटीक रहा।

- डॉ. राघवेंद्र गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर, न्यूरो सर्जरी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।


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