ऐसा इनोवेशन करें, जिससे देश व दुनिया में छा जाएं
जागरण संवाददाता, कानपुर : आप लोग ऐसा इनोवेशन करें, जिससे देश और दुनिया में आपका नाम हो जाए
जागरण संवाददाता, कानपुर : आप लोग ऐसा इनोवेशन करें, जिससे देश और दुनिया में आपका नाम हो जाए। मौजूदा समय में कई इनोवेशन (नवाचार) हो रहे हैं, पर जरूरत है उस तकनीक के विकसित होने की जिससे देश की जरूरत को पूरा किया जाए सके, वैश्विक स्तर पर भी उसकी अच्छी मांग हो। उदाहरण के लिए बायोमेडिकल डिवाइस की बात कर सकते हैं। ये बातें बायोटेक कंर्सोटियम इंडिया लिमिटेड(बीसीआइएल) की प्रबंध निदेशक (एमडी) डा. पूर्णिमा शर्मा ने कहीं। वह आइआइटी कानपुर में सिडबी इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर (एसआइआइसी) व बीसीआइएल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि जो भी छात्र-छात्राएं या उद्यमी इनोवेशन करते हैं, उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया के माध्यम से फंड और प्रोत्साहन राशि की सुविधा भी मुहैया होगी। आइआइटी कानपुर के अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के डीन प्रोफेसर एस. गणेश ने बताया कि केंद्र सरकार की मदद से वर्ष 2016 में आइआइटी के कई इंक्यूबेटरों की स्थापना की गई। जल्द इनके माध्यम से प्रतियोगिता समेत अन्य कार्यक्रमों को आयोजित कराने की योजना है। तकनीकी सत्रों में आइका बायोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक व सहसंस्थापक आद्र्राचंद मौली, फेलोशिप निदेशक एम्स डा.प्रशांत झा और प्रौद्योगिकी व व्यापार सलाहकार अमित शुक्ला ने जैव उद्यमिता के क्षेत्र में सफल उद्यमी बनने पर अपने-अपने विचार रखे। एसआइआइसी के इंचार्ज प्रोफेसर वीबी फणी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
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यूपी के युवा आइआइटी कानपुर आएं, होगी हरसंभव मदद
बायोलॉजिकल साइंस एंड बायोइंजीनिय¨रग विभाग में प्रोफेसर व बायो इंक्यूबेटर संचालक प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय ने कहा कि सूबे के ऐसे युवा जो उद्यमी बनना चाहते हैं, वह आइआइटी कानपुर आएं। यहां के इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर से उन्हें हरसंभव मदद मिलेगी। उनका भी स्वागत है, जो जैव उद्यमिता के क्षेत्र में आगे आना चाहते हैं।