..तो गंगाजल को स्वच्छ नही होने देंगे नाले
कुंभ में स्नानार्थियों को शुद्ध गंगाजल मुहैया कराने की सरकार की मंशा फिलहाल मूर्तरूप लेते नही दिख रही है। कसरत दिखाने को अधिकारियों ने टेनरियों पर भले ही दोष मढ़ दिया हो, लेकिन गंगा में गंदगी की कालिख घोल रहे नालों को फिलहाल रोकना संभव नहीं है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कुंभ में स्नानार्थियों को शुद्ध गंगाजल मुहैया कराने की सरकार की मंशा फिलहाल मूर्तरूप लेते नही दिख रही है। कसरत दिखाने को अधिकारियों ने टेनरियों पर भले ही दोष मढ़ दिया हो, लेकिन गंगा में गंदगी की कालिख घोल रहे नालों को फिलहाल रोकना संभव नहीं है। वर्तमान में नालों के जरिये 289 एमएलडी गंदगी गंगा में समा रही है।
इलाहाबाद के कुंभ के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं कि 15 दिसंबर से 15 मार्च तक कानपुर की टेनरियां बंद रहेंगी। जिम्मेदार अधिकारी इतने भर में ही अपना कर्तव्य पूरा कर लेना चाहते हैं, लेकिन जल निगम किस तरह हद दर्जे की लापरवाही कर रहा है, यह शुक्रवार को मंडलायुक्त द्वारा वाजिदपुर एसटीपी के किए गए निरीक्षण में उजागर हो चुकी है। हकीकत यह है कि नाला टेपिंग और डिस्चार्ज ट्रीटमेंट के नाम पर सरकारों ने गंगा एक्शन प्लान फेज एक व दो और नमामि गंदे योजना में भले ही करोड़ों रुपया बहाया हो, लेकिन अधिकारी पैसे को बर्बाद ही करते रहे। मगर, स्थिति यह है कि तीन दर्जन से अधिक बड़े नालों से घरेलू, औद्योगिक और टेनरियों का 289 डिस्चार्ज बिना शोधन के ही सीधे गंगा में समा रहा है। टेनरियों का डिस्चार्ज रोकने में सरकार भले ही कामयाब हो जाए, लेकिन गंदगी की इतनी बड़ी मात्रा का कानपुर से इलाहाबाद तक गंगा में पहुंचना तय है। हालांकि, सीसामऊ नाले को रोकने का प्रयास तेजी से चल रहा है।
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यह है नाला डिस्चार्ज का सरकारी आंकड़ा
नाला दूषित पानी
सीसामऊ नाला -138.33 एमएलडी
सीओडी नाला -8.81 एमएलडी
जेल नाला - 1.22 एमएलडी
गुप्तार घाट नाला -2.29 एमएलडी
परमट नाला - 1.78 एमएलडी
म्योर मिल नाला - 1.13 एमएलडी
गोला घाट नाला - 1.44एमएलडी
सत्ती चौराहा नाला - 1.54 एमएलडी
गोल क्लब नाला (1)- 1.26 एमएलडी
गोल क्लब नाला (2)- 0.40 एमएलडी
डबका नाला- 1.23 एमएलडी
हलवा खाड़ा नाला- 11.44 एमएलडी
केस्को नाला - 0.16 एमएलडी
रोडवेज नाला - 0.40 एमएलडी
ख्योरा नाला- 0.14 एमएलडी
जागेश्वर नाला- 0.92 एमएलडी
ज्योरा नाला - 0.79 एमएलडी
नवाबगंज नाला - 1.56 एमएलडी
रानी घाट नाला - 0.43 एमएलडी
टेफ्को नाला - 0.43 एमएलडी
पुलिस लाइन नाला -0.79 एमएलडी
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इन नालों में टेनरी का पानी
शीतला बाजार नाला- 16 एमएलडी में 5.50 एमएलडी टेनरी का पानी
बुढि़या घाट नाला - 7 एमएलडी में 0.83 एमएलडी टेनरी का पानी
वाजिदपुर नाला - 12 एमएलडी में केवल 0.90 एमएलडी घरेलू पानी मिलता है।
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इन नालों में फैक्ट्री का मिलता दूषित पानी
गंदा नाला- 55.09 एमएलडी में 2.72 एमएलडी औद्योगिक पानी मिलता
थर्मल पावर नाला - 30 एमएलडी में 14.30 एमएलडी घरेलू दूषित पानी
आइसीआइ नाला - 40 एमएलडी में 7.12 एमलडी घरेलू दूषित पानी गिरता है।
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28 नाले बन गए गंगा के लिए मुसीबत
गंगा में 28 नाले गिरते हैं। इसके माध्यम से घरेलू व औद्योगिक दूषित पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। दूषित पानी ट्रीट करने की क्षमता 372 एमएलडी की है, लेकिन अभी तक काम केवल 170 एमएलडी ही दूषित पानी ट्रीट हो रहा है। बाकी नाले में जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के इतर भी डिस्चार्ज गंगा में जा रहा है।
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चंट्टे भी बने मुसीबत
शहर के 1100 से ज्यादा चंट्टे भी मुसीबत बने हुए हैं। गोबर सीधे सीवर लाइन में डाल देते हैं। इसके चलते सीवर लान चोक हो गई है। नालों के माध्यम से गोबर गंगा में मिल रहा है और पानी को दूषित कर रहा है। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के आदेश के बाद भी एक भी चंट्टे वाला बाहर नहीं गया है।