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आयकर की नोटिस का जवाब देने में न बरतें लापरवाही, एक गलती आपको दिला सकती है सजा Kanpur News

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय की गई गलतियों पर नोटिस जारी कर रहा है विभाग समय का भी रखें ध्यान।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:33 AM (IST)
आयकर की नोटिस का जवाब देने में न बरतें लापरवाही, एक गलती आपको दिला सकती है सजा Kanpur News
आयकर की नोटिस का जवाब देने में न बरतें लापरवाही, एक गलती आपको दिला सकती है सजा Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। आयकर रिटर्न दाखिल करते समय की गईं गलतियों पर विभाग नोटिस जारी कर रहा है। इन नोटिस का जवाब बहुत ही सावधानी से देने की जरूरत है। नोटिस में जरा सी असावधानी बड़ा जुर्माना या सजा तक दिला सकती है। नोटिस का जवाब न देने की भूल भी भारी पड़ सकती है।

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रिटर्न फाइल करने में हुई गड़बडिय़ों को पकड़ आयकर विभाग ने नोटिस जारी करनी शुरू कर दी हैं। बहुत से करदाताओं ने टैक्स बचाने के लिए गलत तरीके से रिटर्न के आंकड़ों में हेराफेरी भी की है। बहुत से लोगों ने विदेश में हुई कमाई भी छिपा ली है। रिटर्न में अनजाने में हुई गलती, जानबूझ कर की गई गड़बड़ी आदि को पकडऩे के लिए विभाग नोटिस दे रहा है। आयकर विभाग को नोटिस का जवाब भेजने से पहले करदाता को यह जान लेना चाहिए कि उसने रिटर्न में गलती क्या की है।

अलग-अलग गलतियों के लिए अलग-अलग तरह के नोटिस जारी होते हैं। रिटर्न में गलती पर अलग धारा में नोटिस जारी होता है वहीं विभाग अगर रिटर्न से जुड़े कागजात चाहता है तो नोटिस की धारा बदल जाती है। गलत तरीके से की गई कमाई, कर अपवंचना और घाटे की गलत जानकारी देकर उसका क्लेम करने पर भी नोटिस जारी किया जाता है। नोटिस सामान्य स्क्रूटनी का भी हो सकता है।

नई प्रक्रिया में एसएमएस, ई-मेल के साथ ई-फाइलिंग अकाउंट पर भी नोटिस भेजे जाते हैं। हर नोटिस का जवाब देने का समय भी तय है, इसलिए उसका जरूर ध्यान रखें। तय समय में जवाब नहीं दिया गया तो बकाया राशि का तीन गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है। बहुत ही खास तरह के मामलों में सजा की कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है। अगर नोटिस किसी संपत्ति पर दिया गया है तो उसकी खरीद का समय, लागत और रुपये कहां से आए इसकी जानकारी स्पष्ट दें। 

इनका ये है कहना

नोटिस का जवाब देने में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए। समय रहते ठीक तरह से जवाब देना चाहिए ताकि आयकर अधिकारी उससे संतुष्ट हो सके। 

-शिवम ओमर, चार्टर्ड अकाउंटेंट। 


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