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तीन तलाक बिल व महिला सुरक्षा पर चर्चा

लोकतंत्र की पाठशाला में सोमवार को तीन तलाक बिल व महिला सुरक्षा पर युवा सांसदों ने चर्चा की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 12:56 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 12:56 AM (IST)
तीन तलाक बिल व महिला सुरक्षा पर चर्चा
तीन तलाक बिल व महिला सुरक्षा पर चर्चा

जागरण संवाददाता, कानपुर: लोकतंत्र की पाठशाला में सोमवार को तीन तलाक बिल व महिला सुरक्षा पर युवा सांसदों ने चर्चा की। इस दौरान पक्ष और विपक्ष की ओर से तर्क और आंकड़े प्रस्तुत कर सवाल-जवाब किए गए। जोरदार बहस के बीच माहौल गहमा-गहमी भरा रहा। आज बिल संशोधन पर चर्चा के साथ ही यूथ पार्लियामेंट के मानसून सत्र का समापन हो जाएगा।

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साकेतनगर स्थित जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन में चल रही दैनिक जागरण की यूथ पार्लियामेंट में सोमवार को सबसे पहले मुस्लिम महिला विधेयक बिल 2017 (तीन तलाक बिल) पर चर्चा हुई। सामाजिक न्याय एवं विकास मंत्री तमन्ना शारिक ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने व उनके साथ हो रही उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए बिल लाया गया है। नेता प्रतिपक्ष आशुतोष दीक्षित ने बिल में तीन साल की सजा के प्रावधान को कम करने की बात कही। विपक्ष के सांसद अमन त्रिपाठी ने कहा कि जब ऐसी घटनाओं में आरोपित को सजा हो जाती है, तो उसके बच्चों और परिवार का भरण-पोषण कौन करेगा? इस पर सुष्मित वर्मा ने जवाब दिया कि बिल में पति द्वारा मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। वहीं दूसरे सत्र में महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर किए जा रहे शारीरिक उत्पीड़न (मीटू अभियान के संदर्भ में) बहस हुई। पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने अपनी-अपनी बात रखी। मंगलवार को युवा संसद का मानसून सत्र समाप्त हो जाएगा। इससे पहले बिल में संशोधन की कवायद होगी। ----------------------

ये सवाल-जवाब हुए

सवाल: कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ शोषण की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, सरकार इसे लेकर कितना गंभीर है? क्या इसके लिए कोई कमेटी गठित की गई?

जवाब: कुछ मामलों में कमेटी गठित की जा चुकी है। अगर कुछ अन्य मामले कानूनी रूप से सामने आते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई के लिए विचार किया जाएगा।

सवाल: शहर में रहने वाली महिलाएं सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी बात रख सकती हैं। पर ग्रामीण आबादी के लिए सरकार क्या कवायद कर रही है?

उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंडिया के माध्यम से इंटरनेट का विस्तार किया जा रहा है। महिलाओं को इस संबंध में जागरूक करने के लिए कवायद हो रही है।

सवाल: मीटू अभियान का मीडिया ट्रायल हो रहा है, क्या इसे रोका जा सकता है?

जवाब: मीडिया के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। मीडिया हमेशा उन्हीं बातों को प्रस्तुत करता है, जिसका आधार उसके पास होता है।

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सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले सकेंगे युवा: युवा संसद के दौरान ही छात्र-छात्राओं को सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (सीडीपी) के विषय में जानकारी दी गई। टफ होप संस्था की ओर से पौशाली सरकार ने बताया कि सभी युवाओं को आवेदन पत्र दे दिए गए हैं।वह इस प्रोजेक्ट में कैसे काम करेंगे, इसकी पूरी जानकारी दी है। हर युवा को अपनी सिटी से जुड़ी समस्याओं पर काम करना होगा।


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