बसपा के खाते में जा सकती मिश्रिख और अकबरपुर सीट, कानपुर से हो सकता सपा का प्रत्याशी
सपा और बसपा का गठबंधन होते ही शहर में एक मंच पर आए कार्यकर्ताओं ने बांटी मिठाई।
By AbhishekEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:35 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। बसपा और सपा के बीच गठजोड़ का एलान होने के बाद अब शहर से जुड़ी लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर कयास शुरू हो गए हैं। गठबंधन के बाद शहर में एक मंच पर आए सपा-बसपा पर कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है। बसपा के नेता मान कर चल रहे हैं कि मिश्रिख और अकबरपुर सीट उनके खाते में आएगी, जबकि कानपुर सीट पर सपा का उम्मीदवार होगा।
मिश्रिख सीट पर बसपा का दबदबा रहा है, पिछले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था हालांकि बड़े अंतर से भाजपा प्रत्याशी अंजू बाला ने जीत दर्ज की थी। रही बात अकबरपुर सीट की तो बसपा यहां काफी मजबूत रही है। हालांकि मोदी लहर में पिछला चुनाव यहां से बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले जीतने में कामयाब हुए। गठजोड़ की घोषणा होते ही बसपा के कई नेता लखनऊ पहुंच गए ताकि टिकट का जुगाड़ हो सके।
अगर अकबरपुर सीट बसपा के खाते में आती है तो पार्टी यहां से किसी पिछड़ी जाति के नेता को टिकट दे सकती है। हालांकि पार्टी मुखिया मायावती के करीबी राज्यसभा सदस्य के एक रिश्तेदार ने अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगा है। चूंकि पार्टी में उनका अच्छा रसूख भी है ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे पत्नी को टिकट दिलाने में कामयाब हो सकते हैं। अकबरपुर सीट से आधा दर्जन नेताओं ने दावा ठोंका है। इसी तरह मिश्रिख सीट पर भी कई नेताओं ने दावेदारी की है। इनमें दो पूर्व विधायक भी हैं। गठजोड़ के एलान के बाद सपा के नगर अध्यक्ष अब्दुल मोईन खां और बसपा के महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।
मिश्रिख सीट पर बसपा का दबदबा रहा है, पिछले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था हालांकि बड़े अंतर से भाजपा प्रत्याशी अंजू बाला ने जीत दर्ज की थी। रही बात अकबरपुर सीट की तो बसपा यहां काफी मजबूत रही है। हालांकि मोदी लहर में पिछला चुनाव यहां से बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले जीतने में कामयाब हुए। गठजोड़ की घोषणा होते ही बसपा के कई नेता लखनऊ पहुंच गए ताकि टिकट का जुगाड़ हो सके।
अगर अकबरपुर सीट बसपा के खाते में आती है तो पार्टी यहां से किसी पिछड़ी जाति के नेता को टिकट दे सकती है। हालांकि पार्टी मुखिया मायावती के करीबी राज्यसभा सदस्य के एक रिश्तेदार ने अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगा है। चूंकि पार्टी में उनका अच्छा रसूख भी है ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे पत्नी को टिकट दिलाने में कामयाब हो सकते हैं। अकबरपुर सीट से आधा दर्जन नेताओं ने दावा ठोंका है। इसी तरह मिश्रिख सीट पर भी कई नेताओं ने दावेदारी की है। इनमें दो पूर्व विधायक भी हैं। गठजोड़ के एलान के बाद सपा के नगर अध्यक्ष अब्दुल मोईन खां और बसपा के महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।
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