कूड़े से परेशान ग्रामीण पलायन को मजबूर
जागरण संवाददाता, कानपुर : पिछले दस दिन से कूड़ा निस्तारण प्लांट बंद होने के कारण कूड़े के
जागरण संवाददाता, कानपुर : पिछले दस दिन से कूड़ा निस्तारण प्लांट बंद होने के कारण कूड़े के फिर पहाड़ लगने लगे हैं। गर्मी होने से उड़ती सड़ांध के चलते आसपास के गांवों में रहने वाले हजारों लोगों का जीना दूभर हो गया है। बदबू से बेहाल लोगों ने पलायन तक शुरू कर दिया है। दैनिक जागरण में प्लांट बंद होने की खबर छपने के बाद नगर निगम में खलबली मच गई। नगर आयुक्त ने प्लांट से जुड़ी फाइल को तलब किया है।
एटूजेड से नवंबर 2014 में अनुबंध टूटने के बाद नगर निगम ने आइएलएफएस कंपनी को फरवरी 2017 में प्लांट के संचालन के लिए अनुबंध किया। बीच में प्लांट में कूड़े का निस्तारण न होने से लाखों टन गंदगी एकत्र हो गई। प्लांट का फिर से संचालन होने पर खाद व ग्रीन कोल का निर्माण शुरू हो गया। बिल्डिंग तक फैली गंदगी को हटाया गया। पुराने कूड़े के निस्तारण के लिए कंपनी को प्रति मीट्रिक टन धनराशि भी दी जानी थी जो डेढ़ करोड़ रुपये हो गई है। बकाया भुगतान न मिलने पर कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए और दस दिन पहले प्लांट बंद कर दिया। इससे कूड़े के ऊंचे-ऊंचे टीलों में धधकती आग से निकलने वाला जहरीला धुआ आसपास बसे गावों में रहने वाले बाशिदों के लिए नासूर बन गया है। प्लाट से सटे बदुआपुर गाव में जहरीले धुएं व दूषित पानी से कई लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। सड़ांध व संक्रामक रोगों को देखते हुए भयभीत गांव वाले पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। हवा थमने पर जहरीला धुआ गाव बदुआपुर, जमुई, कला का पुरवा, बनपुरवा, सरायमीता में घुस जाता है, जिससे बच्चे व बुजुर्ग सभी को खासी के चलते सास लेने में भी मुश्किल होती है। गंदगी में पनपने वाले मच्छरों व कूड़े से उठने वाले धुएं के चलते गाव के अमर राजपूत, लता राजपूत, श्याम बिहारी पाल, सुनील राजपूत, शैलेंद्र पाल, आशीष सिंह, राम भजन राजू राजपूत आदि गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। दूषित वातावरण से बचने के लिए सुरेंद्र सिंह सेंगर, बबलू सिंह, माया देवी, रामखिलावन, कमल कुमार, बबलू सिंह सेंगर, धनीराम, प्रयाग सिंह भदौरिया आदि परिवार समेत गाव छोड़कर चले गए हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने फाइल तलब की है।