रैगिंग रोकने के नियम हुए सख्त, अब खतरे से खाली न होगा जूनियरों को मुर्गा बनाना और डांस कराना
प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने रैगिंग को रोकने के लिए नियमों को सख्त करते हुए संस्थानों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं झांसी पॉलीटेक्निक की घटना के बाद अधिकारियों ने अब नजर रखनी शुरू कर दी है ।
कानपुर, जेएनएन। जूनियरों को गाने गाने, डांस कराने और मुर्गा बनाने पर सीनियरों को संस्थान से नौ दो ग्यारह होना पड़ सकता। झांसी पॉलीटेक्निकल की घटना के बाद प्राविधिक शिक्षा निदेशायल बेहद गंभीर हो गया है और रैगिंग रोकने के लिए नियमों का सख्ती से पालन कराने की तैयारियां की हैं। इसमें आरोपित छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकेगा।
प्रदेश के संस्थानों में पहली नवंबर से प्रथम वर्ष के छात्रों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह संस्थागत होगी या फिर ऑनलाइन इसका फैसला शासन की ओर से लिया जाएगा। छात्र-छात्राएं पॉलीटेक्निक में आकर पढ़ाई करेंगे, इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। संस्थानों में कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए प्रबंध किया जा रहा है। शारीरिक दूरी के पालन के लिए कक्षाओं के अंदर फेरबदल किया जा रहा है। पानी पीने से लेकर शौचालय और छात्रावासों की सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं। ऐसे में जूनियर के संस्थान में आने पर सुरक्षा व्यवस्था चौक चौबंद की जा रही है।
जूनियर छात्रों के संस्थान में आने पर रैगिंग का खतरा भी है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि बाहरी तत्वों को बिना वजह परिसर में आने और टहलने की मनाही रहेगी। छात्रों को अपने पास आइकार्ड रखने होंगे। रैगिंग में आरोपित छात्रों को संस्थान से निष्कासित किया जाएगा।
सीसीटीवी कैमरों की रिपोर्ट मांगी
निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी पॉलीटेक्निक से सीसीटीवी कैमरों की रिपोर्ट मांगी गई है। जहां ड्यूटी में कोताही बरतने वालों के लिए स्पष्टीकरण लिया जाएगा, वहीं सीसीटीवी कैमरों से हर आने जाने वालों पर नजर रखी जाएगी।