मानव को श्रेष्ठ मार्ग दिखाते माता-पिता व गुरु : देवकीनंदन
मोतीझील में विश्व शांति सेवा समिति की ओर से शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा
जासं, कानपुर : मानव जीवन में प्रकाश देने का कार्य संतों की संगति करती है। संत सूर्य की भांति मानव जीवन के अंधेरे का नाश कर उनके जीवन में उजाला भरते हैं। माता-पिता और गुरु हमेशा मानव को श्रेष्ठ मार्ग दिखाते हैं। ये बातें रविवार को विश्व शांति सेवा समिति की ओर से मोतीझील मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कहीं। इससे पहले महापौर प्रमिला पांडेय ने दीप जलाकर भागवत कथा का उद्घाटन करते हुए विश्व कल्याण की कामना की।
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने श्रद्धालुओं को भगवान के स्वरूप के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भगवान का सच्चिदानंद स्वरूप समस्त विश्व का पालन पोषण करने वाला स्वरूप है। संत गुप्त रहकर समाज और धर्म की सेवा करते हैं, उससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती है। जिस प्रकार सूर्य समस्त संसार को प्रकाश देता है ठीक उसी प्रकार संत-महात्मा और कथावाचक हमारे हृदय में प्रकाश भरते हैं। कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अपने गुरु व अभिभावक द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की आदत डालनी चाहिए। समाज को मन, कर्म, वचन से भागवत की शरण ग्रहण करनी चाहिए। संस्कृति व संस्कार की रक्षा के लिए अभिभावकों को जिम्मेदारी उठानी होगी। महाराज श्री ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण करने से जीव का कल्याण होता है। मानव को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए हर किसी को कथा का श्रवण करना चाहिए। सोमवार को कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र का वृतांत महाराज श्री के श्रीमुख से सुनाया जाएगा।