गांवों को गोद लेकर सर्वागीण विकास कराएगा विश्वविद्यालय का दीनदयाल शोध केंद्र
परामर्शदात्री समिति की बैठक में निर्णय लिया गया। 'मॉडल ग्राम' का सपना साकार करने की कवायद में उठाया गया है कदम।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पं.दीनदयाल की अंत्योदय कल्पना को साकार करते जल्द 'मॉडल ग्राम' दिखेंगे। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्थापित दीनदयाल शोध केंद्र द्वारा गांवों को गोद लेकर उनका सर्वागीण विकास कराया जाएगा। शुक्रवार को यह फैसला दीनदयाल शोध केंद्र की परामर्शदात्री समिति की बैठक में लिया गया।
बताते चलें कि गांवों के विकास के लिए सरकार प्रयासरत है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने गांवों को गोद लेकर विकास का बीड़ा उठा रखा है, इसके बाद भी गांवों का विकास धरातल पर नहीं उतर रहा है। गांवों के विकास के लिए अब सेएसजेएमयू के शोध केंद्र ने गांवों में सर्वागीण विकास कराकर आदर्श बनाने का बीड़ा उठाया है। इसी क्रम में शोध केंद्र ने तैयारी शुरू की है। शोध केंद्र के निदेशक डॉ.श्यामबाबू गुप्ता ने बताया जिन गांवों का विकास होगा, वहां साक्षरता, स्वच्छता, मतदाता जागरूकता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ समेत केंद्र सरकार की सभी संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाएगा। बैठक में मौजूद डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति डॉ.अरविंद दीक्षित ने कहा शोध केंद्र द्वारा शोध गतिविधियों पर भी काम होना चाहिए। केंद्र में एक सभागार के सितंबर में लोकार्पण कराए जाने पर भी चर्चा हुई। इसी तरह निर्णय हुआ कि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में पं.दीनदयाल उपाध्याय के कृतित्व व व्यक्तित्व पर गोष्ठियां आयोजित होंगी। साथ ही पं.दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर लघु शोध के लिए पंजीकरण कर शोध गतिविधियों को नया कलेवर देने का जिक्र किया गया। पिछले वर्षो में शोध केंद्र द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा भी हुई। बैठक में मुख्य रूप से लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रोफेसर एसके द्विवेदी, वित्त अधिकारी धीरेंद्र कुमार तिवारी, डॉ.जीके गुप्ता, डॉ.केएन मिश्रा आदि उपस्थित रहे।