Chhapaak Movie के मनीष कभी पत्रकार भी रहे, कानपुर के देवास ने साझा किए अपने अनुभव
अजय देवगन अभिनीत रेड फिल्म से देवास सुर्खियों में आए।
कानपुर, [अम्बर वाजपेयी]। अजय देवगन अभिनीत रेड फिल्म में शशी सिंह का किरदार निभाकर सुर्खियों में आए देवास के खाते में अब तक कई बड़े प्रोजेक्ट दर्ज हो चुके हैं। फिल्म छपाक में अभिनय के बाद अब वह जल्द ही फिल्म 'आगरा' और वेबसीरिज 'स्पेशल ऑप्स' में भी दिखाई देंगे। बतौर अदाकार देवास अपने आप को बेहद खुशकिस्मत मानते हैं। उनका कहना है कि किरदार में खुद को ढाल लेना ही अदाकारी है। मूलरूप से कानपुर शहर के पटकापुर, फूलबाग निवासी देवास से बातचीत के अंश...
पहली फिल्म में अजय देवगन का साथ मिल जाना करियर के लिए कितना महत्वपूर्ण मानते हैं ?
इतनी बड़ी फिल्म का हिस्सा बन जाना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। फिल्म में मेरा रोल शशी सिंह का था। अचानक एक दिन कास्टिंग डायरेक्टर का फोन आया। ऑडीशन दिया और फाइनल हो गया। जब फोन आया तो पहले यकीन ही नहीं हुआ। जब होश तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
कानपुर से मुंबई तक का सफर तय करने के बारे में बताएं ?
पिता अभिलाष दीक्षित जनजातीय मंत्रालय में हैं। इसलिए कानपुर के बाद, भोपाल, जयपुर और दिल्ली में पढ़ाई में हुई। मॉस कॉम के बाद दिल्ली में क्षितिज थिएटर ग्रुप से जुड़ गया। इसके बाद फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट पुणे में एडमिशन लिया।
थिएटर के बाद आपने एक्टिंग का कोर्स भी किया?
जी बिल्कुल, पढ़ाई के दौरान मैं थिएटर से जुड़ गया था। बेसिक इसकी से सीखा। इसके बाद पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में चार साल तक प्रशिक्षण लिया। यहां मैनें कैमरे को फेस करना सीखा। 50-60 शॉर्ट फिल्में की। एक मराठी फिल्म में भी अभिनय का मौका मिला।
छपाक फिल्म का किरदार सबसे खास क्यों है ?
फिल्म छपाक में मेरे किरदार का नाम मनीष है, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता है। इससे पहले वह पत्रकार भी रहा है। बस इसलिए ये रोल मेरे लिए खास है। असल जिंदगी में मेरी भी पत्रकार बनने की चाहत थी। इसीलिए मॉस कम्युनिकेशन से ही स्नातक किया। इसके बाद थिएटर से जुड़ा और अभिनय के क्षेत्र में आ गया।
मेघना गुलजार के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मेघना मैम के साथ काम करने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि सीखने को बहुत कुछ मिलता है। यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। दरअसल मैंने उनकी फिल्म तलवार देखी थी। उस वक्त ही उनके साथ काम करने की इच्छा जगी और इतनी जल्दी मौका भी मिल गया।
दीपिका और विक्रांत मैसी जैसे मंझे कलाकारों से क्या सीख मिली?
दीपिका पादुकोण और विक्रांत मैसी जितने बड़े कलाकार हैं उतने ही सहज और सौम्य है। इनके साथ काम करते वक्त बहुत कुछ सीखा। ये वे कलाकार है जो अपना शत प्रतिशत देते हैं। जब मैं 11 वीं की पढ़ाई कर रहा था उसी साल दीपिका मैम की ओम शांति ओम फिल्म रिलीज हुई थी। मैंने स्कूल बंक करके फिल्म देखी थी। आज उन्हीं साथ अदाकारी का मौका मिलना फख्र की बात है।
आने वाले प्रोजेक्ट कौन-कौन से हैं?
रेड के बाद मुझे संजय मिश्र अभिनीत फिल्म कामयाब, ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज वेबसीरिज सेलेक्शन डे और सिटी ऑफ ड्रीम में अभिनय का मौका मिला। आने वाली फिल्मों में तितली फेम डायरेक्टर कनु बहल की फिल्म आगरा और बेबी और एमएसधोनी जैसी फिल्म के निर्देशक रहे नीरज पांडे की वेबसीरिज स्पेशल ओप्स हैं।
कानपुर के बारे में सबसे ज्यादा क्या मिस करते हैं ?
अपने शहर की बात ही अलग है। ऐसी भाषा, मिजाज, अपनापन किसी दूसरे शहर में नहीं मिल सकता। बेशक माता-पित्ता दिल्ली में रहते हैं, लेकिन शेष पूरा परिवार अभी तक पटकापुर में है। चाचा शुक्लागंज में रहते हैं। मेरी ननिहाल के ब्लॉक किदवईनगर में है।