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अहंकार त्याग कर प्रभु की करें भक्ति : देवकी नंदन

मोतीझील मैदान में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने सुनाई श्रीमद्भागवत कथा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 01:34 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 01:34 AM (IST)
अहंकार त्याग कर प्रभु की करें भक्ति : देवकी नंदन
अहंकार त्याग कर प्रभु की करें भक्ति : देवकी नंदन

जागरण संवाददाता, कानपुर : मानव को अपने जीवन की डोर ठाकुर जी के हाथों में छोड़ देनी चाहिए। प्रभु सबका कल्याण करते हैं, भगवान एक क्षण में बिगड़ी बना देते हैं। इसलिए मानव को अहंकार त्याग कर प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। ये बातें विश्व सेवा समिति की ओर से मोतीझील मैदान में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने श्रद्धालुओं से कहीं।

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उन्होंने अमर कथा एवं शुकदेव जी के जन्म का वृतांत विस्तार से बताया। महाराज श्री ने कार्तिक मास के महत्व से परिचित कराते हुए कहा कि जिस प्रकार गंगा के समान कोई तीर्थ वेद के समान कोई ग्रंथ और सतयुग के समान कोई युग नहीं, उसी प्रकार कार्तिक मास के समान कोई मास नहीं। इस विशेष माह में भक्तों को गंगा में दीपदान जरूर करना चाहिए। कार्तिक मास वैष्णवों के लिए मोक्ष का द्वार है। कहा कि श्रीकृष्ण दुखी हैं कि इस कलयुग के व्यक्ति का कल्याण कैसे हो, राधारानी ने पूछा, क्या आपने इनके लिए कुछ सोचा है। प्रभु बोले, एक उपाय है हमारे यहां से कोई जाकर हमारी कथाओं का पाठ कराए और जब ये भक्त सुनेंगे तो इनका कल्याण निश्चित होगा। उन्होंने कहा कि कथा सुनना भी सबके भाग्य में नहीं होता है। जब भगवान शंकर जी ने पार्वती जी को जो अमर कथा सुनाई तो पार्वती जी को निद्रा आ गई और शुक ने पूरी कथा सुन ली। जिसके जीवन में श्याम नहीं तो उसे आराम नहीं। इससे कल्याण व शांति की प्राप्ति होती है। मंगलवार को जड़भरत संवाद, नृसिंह अवतार, वामन अवतार की कथा होगी।


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