Delhi Blast: डाक्टर शाहीन IMA से निष्कासित, सामूहिक कार्यक्रमों में नहीं होती थी शामिल
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रवक्ता डॉ. शाहीन को आईएमए से निष्कासित कर दिया गया है। आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप के बाद आईएमए ने यह कदम उठाया। डॉ. शाहीन ने 2012 में अपने पति के साथ आईएमए की सदस्यता ली थी, लेकिन वे सामूहिक कार्यक्रमों में कम ही शामिल होती थीं। आईएमए ने मुख्यालय को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में वर्ष 2006 से 2013 तक लगभग आठ साल फार्माकोलाजी की प्रवक्ता रही डा. शाहीन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) से भी जुड़ी हुई थी। आतंकवादी गतिविधियों के बाद गिरफ्तार डाक्टर शाहीन को लेकर आईएमए ने उसकी सदस्यता खत्म कर दी है। सूत्रों के अनुसार उसे आईएमए से निष्कासित कर दिया गया है।
शाहीन ने केपीएम में नेत्र रोग विशेषज्ञ पति डा. जफर हयात के साथ वर्ष 2012 में आइएमए कानपुर की सदस्यता हासिल की थी। इसके बाद दोनों के बीच तलाक हो गया था। हालांकि, सदस्यता के बाद से डा. शाहीन को गिने-चुने मौकों पर ही आइएमए के पूर्व पदाधिकारियों ने देखा।
बताते हैं कि डा. शाहीन आइएमए में हर वर्ष होने वाले होली, दीपावली व ईद जैसे सामूहिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होती थी। आइएमए अध्यक्ष डा. अनुराग मेहरोत्रा व सचिव डा. शालिनी मोहन ने अब आइएमए राजकीय व राष्ट्रीय मुख्यालय को पत्र लिखकर आतंकी गतिविधियों में शामिल रही डा. शाहीन की सदस्यता भंग करने की मांग की है।
वहीं, कानपुर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अनुराग मेहरोत्रा ने कहा कि अभी तक मुख्यालय से कोई कंफर्मेशन नहीं आया है हालांकि कल पत्र भेजते ही हटाने की बात कही गई थी।
डा. शाहीन की करतूत से डाक्टर भी अवाक
देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बारे में कोई डाक्टर कैसे सोच सकता है। डाक्टर पर तो लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी होती है। इस घटना से हम सभी हतप्रभ हैं।
-प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
डाक्टर अपने प्रयास से दूसरों की जान बचाता है। कभी नहीं सोचा था कि हमारे यहां पढ़ाई करने वाला कोई शख्स ऐसी गतिविधियों में शामिल होगा। दुख होता है कि इतने पढ़े-लिखे समाज में ऐसी सोच रखने वाले भी हैं।
-प्रो. राकेश वर्मा, निदेशक, हृदय रोग संस्थान।
इस तरह के सफेदपोश नेटवर्क में शामिल होने को कतई भी डाक्टर की सेवा से नहीं जोड़ना चाहिए। डाक्टर हर समय मरीजों की जान बचाने में जुटा रहता है। यह ही डाक्टरों की सेवा का दर्शाता है।
-डा. अनुराग मेहरोत्रा, अध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन।
डाक्टर समाज का वो वर्ग है, जो हर समय दिन हो या रात अपने जीवन की परवाह किए बिना मरीजों की जान बचाता है। एक-दो लोगों के कुकृत्य में शामिल होने से पूरे पेशे पर सवाल नहीं उठना चाहिए।
-डा. शालिनी मोहन, सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन।

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