इस बार धमाकों नहीं सितारों की दीपावली
शहर को ध्वनि व वायु प्रदूषण से बचाने के लिए इस बार की दीपावली में धमाके वाले पटाखों की जगह आकाशीय आतिशबाजी ज्यादा मंगाई गई है। कारोबारियों के मुताबिक पिछले कुछ वर्ष में जनता भी जागरूक हुई है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर को ध्वनि व वायु प्रदूषण से बचाने के लिए इस बार की दीपावली में धमाके वाले पटाखों की जगह आकाशीय आतिशबाजी ज्यादा मंगाई गई है। कारोबारियों के मुताबिक पिछले कुछ वर्ष में जनता भी जागरूक हुई है। धमाके की जगह आकाशीय आतिशबाजी ज्यादा पसंद की जा रही है।
शुक्रवार को क्राइस्ट चर्च इंटर कालेज में थोक पटाखा बाजार शुरू हो गया। गुरुवार देर रात 16 कारोबारियों को थोक आतिशबाजी की बिक्री का लाइसेंस मिला था। रात से ही दुकानों में माल पहुंचाकर उसे सजाने का काम शुरू हो गया था। सुबह से ही फुटकर विक्रेताओं की भीड़ बाजार में जुटने लगी थी।
कारोबारियों के मुताबिक पहले बाजार में 25 फीसद तक पटाखे धमाके वाले होते थे। इसबार मात्र पांच फीसद ही धमाके वाले पटाखे हैं। चटाई वाले पटाखे नहीं हैं जो लगातार तेज आवाज करते हैं।
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सितारों से झिलमिल होगा आकाश
आकाशीय आतिशबाजी का हिस्सा 70 फीसद तक है। हवा में सौ फीट से भी ज्यादा ऊपर फटने की वजह से इसकी आवाज कम हो जाती है और धुआं भी वहां हवा में आसानी से मिल कर उड़ जाता है। कई ब्रांडेड कंपनियों ने तो आकाशीय आतिशबाजी पर ही पूरा जोर दिया है। किसी में राकेट आकाश मे फटने के बाद जेली के शेप में रोशनी नजर आएगी। किसी में गोल्ड व सिल्वर की चिंगारी आकाश को झिलमिलाएंगी। मल्टीकलर वाला राकेट आसमान को सतरंगा करेगा। ऐसे राकेट भी मौजूद हैं जिसकी रंगीन चिंगारी आकाश में फटने के साथ 20 मीटर दूर तक फैल जाएंगी। इसमें 300 रुपये पीस से लेकर 800 रुपये पीस तक के राकेट हैं।
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सांप और ट्रेन नहीं मिलेगी
सबसे ज्यादा धुआं देने वाली सांप की छोटी सी टिकिया बाजार में नहीं है। इसका धुआं काफी खतरनाक होता है। इसी तरह धागा बांधकर चलाई जाने वाली ट्रेन भी बाजार में नहीं है।
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फुलझड़ी के केमिकल भी बताए
आतिशबाजी बनाने वाली कंपनियों ने ज्यादातर पटाखों के पैकेट पर पर्यावरण संरक्षण के संकल्प प्रकाशित किया है। साथ ही फुलझड़ी के पैकेट पर उसमें इस्तेमाल केमिकल भी बताया है।
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ऊंचाई के हिसाब से अनार
अनार की भी कई क्वालिटी हैं। आवाज के साथ फूटने व गोल्डन, सिल्वर रोशनी वाले अनार मौजूद हैं। 15 फीट ऊंचाई तक चिंगारी फेंकने वाले अनार भी हैं। इनकी कीमत 50 रुपये पैकेट से 350 रुपये पैकेट तक है।
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रंगीन चकरी व फुलझड़ी भी
चकरी जहां 60 रुपये से 300 रुपये पैकेट में है, वहीं फुलझड़ी 20 रुपये से 50 रुपये पैकेट में है।
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ध्वनि व वायु प्रदूषण को देखते हुए इस बार कारोबारियों ने आकाशीय आतिशबाजी ज्यादा मंगाई है। धमाके वाले पटाखे मात्र पांच फीसद ही बाजार में हैं। यह शहर के लिए अच्छी बात है।
- राजू शम्सी, अध्यक्ष, कानपुर पटाखा व्यापार मंडल।
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हमारे बाजार में चीन का एक भी पटाखा नहीं है। सभी पटाखे ब्रांडेड और एक्सप्लोसिव विभाग से स्वीकृत कंपनियों के ही हैं। अभी बाजार शुरू हुआ है। रविवार से पूरी रफ्तार में बाजार आ जाएगा।
- मसूद आलम, महामंत्री, कानपुर पटाखा व्यापार मंडल।