Move to Jagran APP

मुंह से गिरा खुशियों का लड्डू, दुखी साहब के अच्छे दिन भी जरूर आएंगे

दीपावली में सभी जगह मिठाई की बाहर है लेकिन कुछ दिन पहले भ्रष्टचार और गोलमाल की परतें क्या खुलीं कि कई अफसरों और कर्मियों का तो त्योहार ही खराब हो गया। हालांकि इसपर चुप्पी है और कोई कुछ बोल नहीं रहा है लेकिन चेहरे पर भाव उभर ही आते हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 09:41 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 09:41 AM (IST)
मुंह से गिरा खुशियों का लड्डू, दुखी साहब के अच्छे दिन भी जरूर आएंगे
कानपुर में पर्दे के पीछे सचाई बयां करता है दाखिल दफ्तर।

कानपुर, [दिग्विजय सिंह]। पिछले दिनों पुलिस ने भ्रष्टाचार के मामले में भूमि आवंटन करने वाले विभाग के बड़े साहब को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साहब जेल गए तो उनके कुछ विरोधी खुशी से झूम उठे। एक साहब को दूसरे साहब ने मिठाई दी। साहब ने जैसे ही मुंह में मिठाई रखने की कोशिश की तभी चपरासी के हाथों से पानी का गिलास उनकी मेज पर फैल गया। साहब झटके से कुर्सी से उठे और मिठाई मुंह में जाने के बजाय नीचे गिर गई। अब साहब और उनके सामने बैठे लोग एक दूसरे का मुंह देखने लगे और जोर से ठहाका लगाया। चपरासी ने भी कहा, साहब कोई बात नहीं, खुशियों की मिठाई है दूसरी खा लें। इसी बीच किसी ने बताया कि साहब की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई है। इतना सुनते ही सभी जुट गए कि आखिर जमानत खारिज हुई या नहीं। तभी किसी ने कहा, देखो जल्दी छूटकर आ जाएंगे।

loksabha election banner

साहब की प्रोन्नति पर सवाल

भूखंड आवंटन करने वाले विभाग के एक साहब पिछले दो साल से महत्वपूर्ण पद पर हैं। साहब दूसरे अफसरों और कर्मचारियों के विरुद्ध जांच का आदेश जारी करवाते रहते हैं। कुछ अफसरों की प्रोन्नति उनकी वजह से रुकी हुई है क्योंकि ये अफसर उनके विरोधी खेमे के माने जाते हैं। यही वजह है कि प्रोन्नति की जब- जब बात उठी, उन्होंने कोई खास रुचि नहीं ली। पिछले दिनों कुछ अफसर उनसे नाराज हो गए और उन्होंने तय कर लिया कि अब साहब की शिकायत करनी है। शिकायत के लिए कोई बड़ी गलती पकडऩी थी। पड़ताल हुई तो पता चला कि साहब पहले एसआइटी जांच के घेरे में थे। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और लिफाफा बंद था, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर उन्होंने अपना प्रमोशन करा लिया। अब शिकायत होगी तो उनकी मुश्किल बढ़ेगी। इसलिए नाराज अफसरों को उन्होंने संतुष्ट करने का तरीका खोजना शुरू किया है।

मेरे अच्छे दिन जरूर आएंगे

सड़कों का निर्माण कराने वाले एक बड़े विभाग के साहब दुखी हैं। पिछले साल जब साहब के पास अहम जिम्मेदारी थी तो उनके पास दीपावली के ढेर सारे गिफ्ट आए थे। पूरा कमरा गिफ्ट से भर गया था और उन्होंने बड़े चाव से लोगों को उसका वितरण भी किया था। इस बार सितारे गॢदश में हैं तो उनके पास चार लोगों ने ही गिफ्ट दिए। साहब ने एक ठेकेदार को फोन किया और बोले, यार आज बुरे दिन हैं फिर अच्छे दिन आएंगे। पिछले साल तो तुमने बड़े महंगे गिफ्ट दिए थे, इस बार मिठाई देना भी मुनासिब नहीं समझा। साहब ने ऐसे समय फोन किया कि ठेकेदार साहब जाम से जाम लड़ा रहे थे। उन्होंने साहब की बात सबको सुना दी। अब क्या था, दूसरे दिन एक दो नहीं बल्कि कई ठेकेदार गिफ्ट लेकर पहुंच गए, पर साहब थोड़ा खुद्दार किस्म के निकले। उन्होंने सभी को वापस कर दिया।

कलेक्ट्रेट में शह-मात का खेल

कलेक्ट्रट में आजकल प्रभावशाली कर्मचारियों में शह मात का खेल चल रहा है। यहां कर्मचारी दो गुटों में बंटे हुए हैं। एक गुट के मुखिया के सितारे आजकल गॢदश में हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक चमक फीकी नहीं पड़ी है। दूसरे गुट के नेता जी थोड़ा शांत स्वभाव के हैं। वह कर्मचारियों के लिए किसी से भी भिडऩे को तैयार रहते हैं। जैसे ही उन्हेंं पता चला कि विरोधी खेमे के मुखिया जी अब कुछ कर्मचारियों को उनकी सीट से हटवाने में लगे हुए हैं और एक कर्मचारी जो एक मामले में फंसा है, उसे जांच में उलझाने की कोशिश कर रहे हैं। इतना सुनते ही नेता जी नाराज हुए, लेकिन करें भी तो क्या। उन्होंने तुरंत कुछ महिला कर्मचारियों को बुलाया और कर्मचारी के पक्ष में जांच अधिकारी के समक्ष बयान दिलवा दिया। अब मुखिया जी को लगा कि वह हार जाएंगे तो फिर शिकायत पर शिकायत शुरू करवा दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.