ईज ऑफ डूइंग में साइबर शातिरों की सेंध, फर्जी वेबसाइट से हड़प रहे यूएएम पंजीयन शुल्क
उद्योग विभाग के पास शिकायतें पहुंचने के बाद पड़ताल में जुटे अधिकारी। फर्जी वेबसाइट को चिह्नित करने में जुट गए हैं।
कानपुर [जागरण स्पेशल]। प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए सरकार 'ईज ऑफ डूइंगÓ की दिशा में काम कर रही है। इसी प्रयास में उद्योग से जुड़ी लगभग हर सुविधा को ऑनलाइन किया जा रहा है। मगर, इस बीच ईज ऑफ डूइंग में साइबर शातिरों ने सेंध लगा दी है। फर्जी वेबसाइट बनाकर निश्शुल्क सेवाओं में पैसा हड़पा जा रहा है।
ईज ऑफ डूइंग में 12वें स्थान पर उत्तर प्रदेश
औद्योगिक विकास के लिए सरकार माहौल बनाने में जुटी है। इनवेस्टर्स समिट के बाद अलग-अलग शहरों में कार्यक्रम आयोजित कर उद्यमियों से संवाद किया जा रहा है। उन्हें वित्तीय मदद से लेकर सभी सुविधाओं के लिए योजनाएं बन रही हैं। इन्हीं प्रयासों से ईज ऑफ डूइंग में उप्र देश में 21वें पायदान से उठकर 12वें स्थान पर आ गया है। उद्योगों को पंजीकृत कर तमाम सुविधाएं देने के लिए ही उद्योग आधार मेमोरेंडम (यूएएम) पंजीकरण को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब साइबर शातिरों ने यूएएम पर नजर जमा ली है।
पंजीयन शुल्क वसूली पर सचेत हुए अफसर
उद्योग विभाग के अधिकारियों के पास शिकायतें पहुंची हैं कि सरकार ने ऑनलाइन यूएएम पंजीयन को निश्शुल्क रखा है। मगर, उन्होंने पंजीयन कराया तो उसके बदले शुल्क वसूला गया। इसके बाद अधिकारी सचेत हो गए हैं। उद्योग विभाग और एमएसएमई विकास संस्थान के अधिकारी ऐसी फर्जी वेबसाइट को चिह्नित करने में जुट गए हैं।
तकनीकी विशेषज्ञ कर रहे पड़ताल
संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला का कहना है कि मौखिक रूप से कई उद्यमियों ने बताया है कि उन्होंने ऑनलाइन यूएएम पंजीयन कराया तो उसके बदले शुल्क देना पड़ा। सरकार ने पंजीयन की व्यवस्था निश्शुल्क रखी है। हम तकनीकी विशेषज्ञों से मामले की जांच करा रहे हैं। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उद्यमियों को बता रहे हैं कि वह अधिकृत पोर्टल को पहचान कर ही पंजीयन कराएं।