हैलट के इमरजेंसी ब्लॉक में शीघ्र ही लगेगी सीटी स्कैन मशीन, मरीजों को नहीं देना होगा कोई शुल्क
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में कोविड केयर फंड से चार करोड़ रुपये की सीटी स्कैन मशीन खरीदने का प्रस्ताव शासन ने स्वीकृत कर दिया मशीन का आॅर्डर देने से पहले सीटी स्कैन मशीन का विशेष विवरण की जानकारी महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के माध्यम से शासन को भेजी गई।
कानपुर, जेएनएन। मरीजों को समुचित उपचार मिलने में कोई व्यवधान न आए इसके लिए कई अस्पताल व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगे हैं। इसी क्रम में हैलट अस्पताल में शीघ्र ही मरीजों को निश्शुल्क सीटी स्कैन जांच की सुविधा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन के स्तर से प्रयास शुरू हो गए हैं। जांच कराने के बाद मरीजों को सीटी स्कैन की प्लेट नहीं मिलेगी, बल्कि सीडी पर रिपोर्ड दी जाएगी। जिसे डाॅक्टर अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देखकर इलाज की दिशा तय करेंगे।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में कोविड केयर फंड से चार करोड़ रुपये की सीटी स्कैन मशीन खरीदने का प्रस्ताव शासन ने स्वीकृत कर दिया है। सभी औपचारिकताएं पूरी हाेने के बाद मशीन का आॅर्डर देने से पहले सीटी स्कैन मशीन का विशेष विवरण की जानकारी महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के माध्यम से शासन को भेजी गई है। वहां से अनुमति मिलते ही कंपनी को ऑर्डर दिया जाएगा।
जगह भी कर ली चिह्नित
हैलट इमरजेंसी ब्लॉक में मेडिसिन आइसीयू के बगल में खाली जगह पड़ी है। सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए उसी जगह को चिह्नित किया गया है। मशीन लगाने की जगह के साथ मशीन के विवरण की जानकारी शासन एवं कंपनी को दी गई है।
इमरजेंसी व हादसे में घायल होने वाले मरीजों को राहत
इमरजेंसी ब्लॉक में आइसीयू के बगल में मशीन लगने से मरीजों को राहत मिलेगी। इमरजेंसी में आने वाले हादसे में घायलों की तत्काल जांच हो जाएगी, जिससे समय से इलाज संभव होगा। आइसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों की जांच भी आसानी से संभव होगी।
अभी यह है व्यवस्था
हैलट अस्पताल परिसर में वेट लीज पर लाइफ लाइन स्पाइरल लिमिटेड सीटी स्कैन जांच की सुविधा प्रदान कर रहा है। इसके लिए मरीजों को भुगतान करना पड़ता है। बीपीएल कार्ड धारकों के लिए निश्शुल्क जांच प्राचार्य की अनुमति पर होती है, लेकिन उन्हें दौड़ाया जाता है। सुबह जरूरी होने पर रात में जांच के लिए बुलाते हैं। एेसे शिकायतें रोजाना प्राचार्य तक पहुंचती हैं।
इनका ये है कहना
अब कॉलेज की अपनी सीटी स्कैन मशीन हो जाएगी। इसके बाद मरीजाें के जांच के लिए पैसे भी नहीं लगेंगे। सिर्फ उन्हें सीडी लेकर आना होगा, जिसमें स्कैन की कॉपी ट्रांसफर कर दी जाएगी। डॉक्टर कंप्यूटर पर देख कर इलाज करेंगे। मशीन खरीद की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। - डॉ. मनीष सिंह, नोडल अफसर, हैलट इमरजेंसी एवं ट्रामा।